भारत में बच्चों के लिए भी कोरोना वायरस वैक्सीन ला सकती है फाइजर- AIIMS निदेशक
बीते कुछ दिनों से खबरें आई रही हैं कि अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर भारत में अपनी कोरोना वायरस वैक्सीन लॉन्च कर सकती है। अब जानकारी मिली है कि कंपनी भारत में बच्चों के लिए भी वैक्सीन ला सकती है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) प्रमुख डॉ रणदीप गुलेरिया ने इस संबंध में संकेत दिए हैं। गौरतलब है कि अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ में किशोरों के वैक्सीनेशन के लिए फाइजर की वैक्सीन इस्तेमाल हो रही है।
कानूनी कार्रवाई में छूट देने से वैक्सीनेशन तेज होगा- गुलेरिया
न्यूज18 से बात करते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा कि मॉडर्ना और फाइजर को वैक्सीन का कोई गंभीर साइड इफेक्ट होने पर कानूनी कार्रवाई से छूट (इनडेमिनिटी) देने से न सिर्फ बच्चों का बल्कि व्यस्कों का भी वैक्सीनेशन तेज होगा। फाइजर आदि को ब्रिजिंग ट्रायल से छूट देना वैक्सीनेशन तेज करने में मदद करेगा। बता दें कि अब भारत में विदेशी कंपनियों की वैक्सीन लाने का रास्ता पहले की तुलना में आसान हो गया है।
व्यस्कों और बच्चों के लिए वैक्सीन ला सकती है फाइजर- गुलेरिया
गुलेरिया ने कहा, "यह पहले भी किया गया है, जब दूसरे देशों में मंजूरी पा चुकीं वैक्सीनों को ऐसी छूट दी गई है। कानूनी सुरक्षा का मामला भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। इसलिए मुझे उम्मीद है कि जल्द ही फाइजर बच्चों और व्यस्कों के लिए वैक्सीन भारत ला सकती है।" जब उनसे पूछा गया कि कंपनियों को पहले ऐसी छूट क्यों नहीं दी गई तो उन्होंने कहा कि इसके लिए ट्रायल से जुड़े पर्याप्त आंकड़ों का इंतजार हो रहा था।
इस संबंध में भारत सरकार को पत्र भेज चुकी फाइजर
फाइजर ने पिछले महीने के अंत में भारत सरकार से कहा था कि उसकी वैक्सीन 12 साल से अधिक उम्र के लोगों पर इस्तेमाल के लिए पूरी तरह तैयार है और यह भारत में पाए गए नए वेरिएंट के खिलाफ भी कारगर है। कंपनी ने सरकार से कहा था कि वह उसे कुछ करोड़ खुराकें देने को तैयार है, लेकिन इसके लिए उसे जल्द उपयोग की मंजूरी और गंभीर साइड इफेक्ट्स पर कानूनी पचड़ों से छूट चाहिए।
विदेशी कंपनियों के लिए अब ब्रिजिंग ट्रायल अनिवार्य नहीं
भारत सरकार ने वैक्सीनों को मंजूरी देने की अपनी प्रक्रिया में बदलाव किया है। अब विदेशी कंपनियों को भारत में अपनी वैक्सीन लॉन्च करने के लिए यहां ब्रिजिंग ट्रायल नहीं करना होगा। इसके अलावा भी कई नियमों में ढील दी गई है।
ब्रिटेन में बच्चों को लगेगी फाइजर की वैक्सीन
यूरोप के बाद अब ब्रिटेन ने भी 12-15 साल के बच्चों पर इस्तेमाल के लिए फाइजर की वैक्सीन को हरी झंडी दिखा दी है। अब यहां की ज्वाइंट कमेटी ऑन वैक्सीनेशन एंड इम्युनाइजेशन (JCVI) यह फैसला लेगी कि कब से इस वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू हो सकता है। ब्रिटेन ने कहा है कि फाइजर की वैक्सीन 12-15 साल के बच्चों पर सुरक्षित और प्रभावी साबित हुई है और इसके फायदे नुकसान से ज्यादा हैं।
बच्चों पर 100 प्रतिशत प्रभावी पाई गई फाइजर वैक्सीन
ट्रायल के दौरान फाइजर वैक्सीन 12-15 साल के किशोरों पर 100 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी, जिसका मतलब है कि वैक्सीन लेने वाले किसी भी किशोर को कोरोना संक्रमण नहीं हुआ था। 31 मार्च को फाइजर ने बताया था कि तीसरे चरण के ट्रायल में 12-15 साल के 2,260 किशोरों को वैक्सीन लगाई गई थी। उनमें इस वैक्सीन की 100 प्रतिशत प्रभावकारिता देखी गई और उनके शरीर में वायरस के खिलाफ मजबूत एंटीबॉडीज पाई गईं।