Page Loader
कोरोना वैक्सीन से हो रहे मुनाफे के कारण दुनिया में नौ नए अरबपति बने

कोरोना वैक्सीन से हो रहे मुनाफे के कारण दुनिया में नौ नए अरबपति बने

May 20, 2021
01:35 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस वैक्सीन से होने वाले मुनाफे ने कम से कम नौ लोगों को अरबति बनाने में मदद की है। वैक्सीन के पेटेंट हटाने की वकालत करने वाले समूह पीपल्स वैक्सीन अलायंस ने यह दावा किया है। इस समूह की मांग है कि वैक्सीन बनाने की टेक्नोलॉजी पर बड़ी फार्मा कंपनियों का एकाधिकार समाप्त होना चाहिए। कई संगठनों और कार्यकर्ताओं वाले इस समूह का कहना है कि इसके आंकड़े फॉर्ब्स रिच लिस्ट के डाटा पर आधारित हैं।

बयान

वैक्सीन पर एकाधिकार के चलते मुनाफा बना रहीं कंपनियां- समूह

समूह ने अपने बयान में कहा है कि नौ नए अरबपतियों के पास 19.3 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। इतने पैसे में गरीब देशों की पूरी आबादी को एक से ज्यादा बार कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा सकती है। समूह में शामिल चैरिटी ऑक्सफैम से जुड़ीं एन्ना मैरिएट ने कहा कि ये अरबपति उस मोटे मुनाफे का इंसानी चेहरा है, जो फार्मा कंपनियां वैक्सीन पर एकाधिकार के चलते बना रही हैं।

बयान

वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद आठ पुराने अरबपतियों की संपत्ति भी बढ़ी

समूह ने कहा है कि नए अरबपतियों के अलावा वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद आठ पुराने अरबपतियों की संपत्ति में 32.2 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है। नए अरबपतियों की सूची में सबसे ऊपर मॉडर्ना के प्रमुख स्टीफेन बेंसल और उनके बाद फाइजर के साथ मिलकर वैक्सीन बनाने वाली कंपनी बायोएनटेक के प्रमुख उगर साहिन के मौजूद हैं। इनके अलावा चीनी कंपनी कैनसिनो बायोलॉजिक्स के तीन सह-संस्थापक भी नए अरबपतियों की सूची में शामिल हैं।

कोरोना वायरस वैक्सीन

कई देश कर रहे पेटेंट हटाने की मांग

पीपल्स वैक्सीन अलायंस का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे देश लगातार वैक्सीन से पेटेंट सुरक्षा हटाने की मांग कर रहे हैं। इनका कहना है कि यह ऐसा होने से विकासशील देशों में भी वैक्सीन का उत्पादन रफ्तार पकड़ सकेगा और दुनिया को महामारी से जल्दी छुटकारा मिल सकेगा। अमेरिका जैसे देश और पोप फ्रांसिस जैसी महत्वपूर्ण हस्ती ने भी पेटेंट हटाने की मांग का समर्थन किया है।

जानकारी

अगर पेटेंट हटता है तो क्या होगा?

अगर वैक्सीन से पेटेंट सुरक्षा हटती है तो कई देशों में वैक्सीन का उत्पादन शुरू हो सकेगा और महामारी के खिलाफ लड़ाई में तेजी आएगी। कई विकासशील देशों का कहना है कि पेटेंट जैसे नियम वैक्सीन और महामारी के खिलाफ लड़ाई में जरूरी दूसरे उपकरणों के उत्पदान में बाधा बनते हैं। दरअसल, अभी वही कंपनियां वैक्सीन बना सकती हैं, जिनके पास उसका पेटेंट होता है। अगर यह हटता है तो दूसरी कंपनिया भी वैक्सीन का उत्पादन कर सकेंगी।

वैक्सीन पेटेंट

फार्मा कंपनियों का क्या कहना है?

फार्मा रिसर्च एंड मैन्युफैक्चर्स ऑफ अमेरिका के प्रमुख स्टीफन जे उब्ल ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है। यह महामारी के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को कमजोर करेगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला सरकारी और निजी पक्षों के बीच उलझन पैदा करेगा। यह पहले से ही धीमे वैक्सीन सप्लाई चैन को कमजोर करेगा और नकली वैक्सीनों को मान्यता प्रदान करेगा। यह अमेरिकी अविष्कारों को दूसरे देशों को सौंपने के बराबर है।