कोरोना: भारत द्वारा वैक्सीन निर्यात रोकने से 91 देशों में नए वेरिएंट्स का खतरा बढ़ा- WHO
क्या है खबर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि भारत द्वारा कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर रोक लगाने से 91 देशों में वायरस के नए वेरिएंट्स का खतरा बढ़ गया है।
संगठन ने बताया कई अफ्रीकी देशों समेत ये 91 देश कोरोना वायरस वैक्सीन आपूर्ति के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) पर निर्भर थे। वैक्सीन न मिलने की वजह से इन देशों में अब स्थिति बेहद संवेदनशील बनी हुई है।
आइये, यह पूरी खबर जानते हैं।
जानकारी
मार्च में लगी थी निर्यात पर रोक
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया वैक्सीन उत्पादन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है।
फिलहाल यहां एस्ट्राजेनेका कंपनी द्वारा विकसित वैक्सीन (भारत में कोविशील्ड) का उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा SII अमेरिकी फार्मा कंपनी नोवावैक्स की कोवावैक्स का भी उत्पादन करेगी।
महामारी की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ते मामलों और देश में खुराकों की कमी के चलते केंद्र ने फिलहाल घरेलू जरूरतों की पूर्ति के लिए मार्च में वैक्सीन निर्यात पर रोक लगा दी थी।
बयान
एस्ट्राजेनेका नहीं कर पाई कमी की पूर्ति- स्वामीनाथन
NDTV से बात करते हुए संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि 91 देशों में आपूर्ति की कमी है। सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन न आने के कारण हुई कमी को एस्ट्राजेनेका पूरी नहीं कर पाई है।
उन्होंने कहा कि अब इन देशों में सबसे पहले भारत में मिले B.1.617.2 समेत कोरोना वायरस के अधिक संक्रामक और नए वेरिएंट फैलने का डर बढ़ गया है। कई अफ्रीकी देश अपने स्वास्थ्यकर्मियों को भी वैक्सीनेट नहीं कर पाए हैं।
कोरोना संकट
वैक्सीन वितरण में असमानता चिंता का विषय- स्वामीनाथन
स्वामीनाथन ने कहा कि इन देशों में न सिर्फ B.1.617.2 बल्कि दूसरे वेरिएंट्स भी सामने आएंगे और पूरी दुनिया में फैल जाएंगे। पहचान होने से पहले ही ये वेरिएंट्स तेजी से फैल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अधिकतर अफ्रीकी देशों में अभी तक आबादी के एक प्रतिशत हिस्से को भी वैक्सीन नहीं लग पाई है। अगर वैक्सीन वितरण में यही असमानता रही तो कुछ देश पहले की तरह सामान्य हो जाएंगे, जबकि कुछ देशों में महामारी की लहरें आती रहेंगी।
वैक्सीन आपूर्ति
SII को कितनी खुराकों की आपूर्ति करनी थी?
एस्ट्राजेनेका के साथ हुए समझौते के तहत SII को निम्न और मध्य आय वाले देशों में कोरोना वायरस वैक्सीन की लगभग एक अरब खुराकें भेजनी थी। इनमें से 40 करोड़ खुराकें इसी साल भेजी जानी थी, लेकिन अब भारत ने वैक्सीन निर्यात रोक दिया है।
ऐसे में पूरी तरह से सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया पर निर्भर देशों में अब वैक्सीन नहीं पहुंच पा रही है। WHO ने आने वाले दिनों में निर्यात पर लगी रोक हटने की उम्मीद जताई है।
कोरोना संकट
भारत की वैक्सीन खरीद नीति की हो रही आलोचना
वैक्सीन खरीद और वितरण की भारत सरकार की नीति की काफी आलोचना हो रही है।
साल की शुरुआत में जब देश में दो वैक्सीनों की हरी झंडी मिली थी, तब केंद्र सरकार ने इनके उत्पादकों को बड़ी मात्रा में खुराकों के लिए ऑर्डर नहीं दिया और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में खुराकें खरीदती रही।
इसके अलावा देश के लोगों को प्राथमिकता देने की बजाय केंद्र ने छह करोड़ से अधिक खुराकें दूसरे देशों को भेज दी।