गृह मंत्री अमित शाह की तबियत बिगड़ी, दोबारा हुए AIIMS में भर्ती
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को बीती रात एक बार फिर दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में भर्ती कराया गया है। कल रात लगभग 11 बजे उन्हें AIIMS के कार्डियो न्यूरो टॉवर में भर्ती किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है और उनके लिए अस्पताल में रहना बेहतर है, जहां लगातार उनकी देखरेख की जा सकती है। उन्हें अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।
अगस्त में हुई थी कोरोना संक्रमण की पुष्टि
मोदी सरकार में नंबर दो अमित शाह को 2 अगस्त को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। ट्वीट करते हुए शाह ने बताया कि था कि कोरोना वायरस से संक्रमण के शुरूआती लक्षण दिखने के बाद उन्होंने टेस्ट कराया था, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। शाह की तबीयत ठीक थी, लेकिन डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें गुरूग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां लगभग 12 दिन इलाज के बाद वह कोरोना को मात देने में कामयाब रहे।
31 अगस्त को मिली थी AIIMS से छुट्टी
ठीक होने के बाद शाह मेदांता से अपने घर भी पहुंच गए, लेकिन दो-तीन दिन बाद उन्होंने अचानक से रात में थकान और बदन दर्द की शिकायत की, जिसके बाद उन्हें 18 अगस्त को पोस्ट-कोविड केयर के लिए AIIMS में भर्ती कराया गया। इस दौरान शाह ने अस्पताल से ही अपना काम किया। 31 अगस्त को पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद शाह को AIIMS से छुट्टी दी गई थी। अब एक बार फिर वो अस्पताल में भर्ती हुए हैं।
क्या होता है पोस्ट-कोविड केयर?
कोरोना वायरस के कई मरीजों में ठीक होने के बाद सांस लेने में परेशानी, बदन, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, गंध और स्वाद न आने जैसे कई लक्षण देखे जा रहे हैं। इन मरीजों की देखभाल को पोस्ट-कोविड केयर कहा जाता है।
संसद के मानसून सत्र में भाग लेने पर संदेह
सोमवार से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है। मार्च के बाद यह पहली बार होगा जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है। अस्पताल में भर्ती होने के कारण शाह के सत्र में भाग लेने पर संदेह है। इस बार कोरोना वायरस संकट के कारण मानसून सत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। सांसदों को संंक्रमण से बचाने के लिए संसद भवन में कई इंतजाम किए गए हैं। सत्र के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
लगभग 5 प्रतिशत मरीज फिर हो रहे अस्पतालों में भर्ती
केवल अमित शाह ही नहीं, कोरोना वायरस से ठीक हो चुके कई मरीज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। लगभग पांच प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जो अलग-अलग लक्षणों के चलते फिर से अस्पतालों में आ रहे हैं। इन मरीजों में दो से तीन सप्ताह तक सांस लेने में परेशानी, बदन दर्द, जोड़ों का दर्द, महीनों तक मांसपेशियों में दर्द, भूख न लगना, गंध और स्वाद न आने जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं।