कोरोना महामारी की पहली लहर के बाद लापरवाह हो गई थी सरकार और जनता- मोहन भागवत
देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने हाहाकार मचा रखा है। प्रतिदिन लाखों नए मामले आ रहे हैं और हजारों की मौत हो रही है। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने इसके लिए सरकार, प्रशासनिक अधिकारी और देश की जनता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि महामारी की पहली लहर के बाद ये सभी लोग लापरवाह हो गए थे और इसी लापरवाही ने देश को दूसरी लहर के भंवर में फंसा दिया।
विशेषज्ञों की चेतावनी के बाद भी बरती लापरवाही- भागवत
भागवत ने RSS के 'पॉजिटिविटी अनलिमिटेड' कार्यक्रम में कहा, "महामारी की पहली लरह के बाद सरकार, प्रशासनिक अधिकारी और जनता सभी लापरवाह हो गए थे। सभी ने महामारी से बचाव के उपाय छोड़ दिए। हम सभी जानते थे कि दूसरी लहर आ सकती है और विशेषज्ञों ने भी इसकी चेतावनी दी थी, लेकिन फिर भी सभी ने लापरवाही बरती।" उन्होंने कहा कि इसी लापरवाही ने देश को महामारी की दूसरी लहर के संकट में डाल दिया।
"परीक्षा का समय है, रहना होगा पॉजिटिव"
भागवत ने कहा, "विशेषज्ञ अब हमें बता रहे हैं कि महामारी की तीसरी लहर भी आ सकती है, लेकिन हमें डरने की नहीं, बल्कि खुद को इसके खिलाफ तैयार करने की जरूरत है।" उन्होंने आगे कहा, "यह परीक्षा का समय है, लेकिन हमें पॉजिटिव रहना होगा और मौजूदा परिस्थिति में खुद को महामारी से बचाने के लिए सावधानियां बरतनी होंगी। इसी तरह वर्तमान परिस्थितियों में सभी को तर्कहीन बयान देने से बचते हुए एक टीम की तरह कार्य करना होगा।"
सफलता और विफलता नहीं हैं अंतिम- भागवत
कोरोना महामारी के वर्तमान हालातों पर भागवत ने कहा, "सफलता और विफलता अंतिम नहीं है, जारी रखने का साहस मायने रखता है। ऐसे में लोगों और सरकार को वर्तमान गलतियों और अनुभवों से सीखते हुए पूरे आत्मविश्वास के साथ महामारी की आने वाली संभावित तीसरी लहर के तैयार रहना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, "महामारी मानवता के सामने चुनौती है और भारत को मिसाल कायम करनी है। हमें गुण-दोष पर चर्चा की जगह टीम के रूप में काम करना होगा।"
भागवत ने दिया विंस्टन चर्चिल का उदाहरण
भागवत ने द्वितीय विश्व युद्ध में इंग्लैंड की स्थिति पर कहा, "विश्व युद्ध में जब सब कुछ इंग्लैंड के खिलाफ था तो तत्कालीन प्रधान मंत्री विंस्टन चर्चिल की टेबल पर एक लेख चिपकाया गया था। उसमें लिखा था कि इस कार्यालय में कोई निराशावाद नहीं है। हमें हार की संभावनाओं में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि वह मौजूद ही नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि जीवन और मृत्यु का च्रक चलता रहेगा और ये मामले हमें डरा नहीं सकते हैं।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,26,098 नए मामले सामने आए और 3,890 मरीजों की मौत हुई। कुछ दिनों से नए मामलों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,43,72,907 हो गई है। इनमें से 2,66,207 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 36,73,802 हो गई है।