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कोरोना मरीजों के उपचार में रॉश फार्मा की एंटीबॉडी दवा को मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी

कोरोना मरीजों के उपचार में रॉश फार्मा की एंटीबॉडी दवा को मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी

May 05, 2021
09:00 pm

क्या है खबर?

देश में चल रही कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच बड़ी राहत की खबर आई है। देश में तेजी से बढ़ते मरीजों के उपचार में दवाइयों की कमी को देखते हुए केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने रॉश (Roche) फार्मा और रिजेनरॉन (Regeneron) द्वारा विकसित एंटीबॉडी-ड्रग कॉकटेल कासिरिविम्ब (Casirivimab) और इमदेवमब (Imdevimab) को आपातकालीन इस्‍तेमाल की मंजूरी दे दी है। इससे अब कोरोना मरीजों के उपचार में बड़ी मदद मिलने की संभावना है।

मंजूरी

इस आधार पर मिली है दवाइयों को मंजूरी

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार रॉश इंडिया ने अपने बयान में कहा कि कासिरिविम्ब और इमदेवमब को अमेरिका और यूरोपीय यूनियन में आपात मंजूरी के लिए दिए गए आंकड़ों के आधार पर भारत में मंजूरी मिली है। कंपनी ने कहा कि एंटीबॉडी कॉकटेल को वयस्कों और 12 वर्ष या उससे अधिक उम्र के गंभीर कोरोना संक्रमण की संभावना के हल्के से मध्यम लक्षण वाले मरीजों के उपचार के लिए दिया जा सकता है। इसमें यह कारगर होगी।

बयान

अस्पतालों पर बढ़ रहे दबाव को कम कर सकती है कॉकटेल- इमैनुएल

रॉश इंडिया के प्रबंध निदेशक वी सिम्पसन इमैनुएल ने कहा, "भारत में बढ़ती संक्रमितों की संख्या के साथ कंपनी उन सभी कामों को करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिनसे अस्पतालों पर बढ़ रहा दबाव कम हो सके।" उन्होंने आगे कहा, "कासिरिविम्ब और इमदेवमब कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में अहम भूमिका निभा सकती है और उच्च जोखिम वाले मरीजों को हालत बिगड़ने से पहले राहत पहुंचा सकती है। यह वैक्सीनेशन के इतर सहयोग होगा।"

तकनीक

DNA तकनीक से हुआ कॉकटेल का निर्माण- इमैनुएल

इमैनुएल ने कहा कि कासिरिविम्ब और इमदेवमब दोनों ही ह्यूमन इम्युनोग्लोबुलिन G-1 (IgG1) मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज हैं जो पुनर्संयोजित DNA तकनीक द्वारा निर्मित हैं। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी प्रयोगशाला में तैयार प्रोटीन हैं जो वायरस से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली की क्षमता की नकल करती हैं। उन्होंने कहा कि इन दोनों को SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ तैयार किया है, जो कोरोना संक्रमण का कारण बनता है। इनके उपयोग से कोरोना संक्रमितों को जल्द राहत पहुंचाई जा सकती है।

दावा

मौत के खतरे को 70 प्रतिशत तक कम करती है कॉकटेल- रॉश इंडिया

रॉश इंडिया ने कहा कि यह कॉकटेल कोरोना संक्रमण के उच्च जोखिम वाले मरीजों के उपचार में मदद करती है। इससे पहले 23 मार्च, 2021 को कंपनी ने दावा किया था कि उच्च जोखिम वाले अस्पताल में भर्ती नहीं हुए मरीजों पर किए गए तीसरे चरण के ट्रायल में दोनों दवाइयों ने मरीज के अस्पताल में भर्ती होने या मौत के खतरे को 70 प्रतिशत कम कर दिया था। इतना ही नहीं लक्षणों की अवधि भी कम हुई थी।

जानकारी

कॉकटेल को 2-8 डिग्री पर किया जा सकता है स्टोरेज

कंपनी के अनुसार कासिरिविम्ब और इमदेवमब एक इंजेक्शन है। इसके मरीज को देने के लिए 1,200 मिलीग्राम (प्रत्येक दवा की 600 मिलीग्राम) की संयुक्त खुराक की जरूरत होती है। इन इंजेक्शनों को 2-8 डिग्री पर स्टोरेज किया जा सकता है।

वितरण

सिप्ला के जरिए किया जाएगा भारत में वितरण- वोहरा

बता दें कि रॉश इंडिया ने कॉकटेल दवाइयों के भारत में वितरण के लिए फार्मा कंपनी सिप्ला के साथ करार किया है। सिप्ला के प्रबंध निदेशक और वैश्विक मुख्य कार्यकारी अधिकारी उमंग वोहरा ने कहा कि वह देश में कोरोना महामारी के खिलाफ जारी लड़ाई में सभी संभावित विकल्पों की खोज करते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है। रॉश के साथ साझेदारी जीवन की रक्षा के लिए उनके उद्देश्य को पूरा करने की ओर महत्वपूर्ण कदम है।

संक्रमण

भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,82,315 नए मामले सामने आए और 3,780 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद ये एक दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,06,65,148 हो गई है। इनमें से 2,26,128 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 34,87,229 हो गई है।