नितिन गडकरी का फिर विवादित बयान, कहा- जो घर नहीं संभाल सकता वो देश क्या संभालेगा
भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बार फिर से ऐसा बयान दिया है जिसे अप्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला माना जा रहा है। गडकरी ने कहा है कि जो अपना घर नहीं संभाल सकता, वो देश क्या संभालेगा। उनका यह बयान विपक्ष के उन कटाक्षों से मेल खाता है जो वह घर और पत्नी को छोड़ने के लिए मोदी पर करते हैं। गडकरी पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं।
छात्र संगठन के कार्यक्रम में कही बात
भाजपा के छात्र संगठन ABVP के पूर्व कार्यकर्ताओं से बात करते वक्त गडकरी ने यह बात कही। उन्होंने कहा, "मैं ऐसे कई लोगों से मिला जिन्होंने कहा कि हम भाजपा और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं। मैं उनसे कहता हूं कि आप क्या कर रहे हैं, आपके परिवार में कौन-कौन हैं, तो वह बताते हैं कि उन्होंने अपनी दुकान बंद कर दी है क्योंकि वो ठीक से नहीं चल रही थी। परिवार में पत्नी, बच्चे हैं।"
'जो घर नहीं संभाल सकता, वो देश नहीं संभाल पाएगा'
इन लोगों को सीख देते हुए गडकरी ने कहा कि कार्यकर्ताओं को पार्टी और देश से पहले अपने घर की जिम्मेदारियों पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा, "'मैं उनसे कहता हूं, पहले अपने घर की देखभाल करो क्योंकि जो घर नहीं संभाल सकता, वो देश नहीं संभाल पाएगा। ऐसे में पहले अपना घर संभालें, बच्चे और संपत्ति देखने के बाद ही पार्टी और देश के लिए काम करें।" उनका यह बयान भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है।
पहले भी दे चुके हैं ऐसे विवादित बयान
गडकरी पहले भी ऐसे बयान दे चुके हैं जिनपर पार्टी को बाद में सफाई देनी पड़ी है। 27 जनवरी को एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि लोगों को सपने दिखाने वाले नेता अच्छे लगते हैं, लेकिन अगर सपने पूरे नहीं होते तो जनता उनकी पिटाई भी करती है। इसलिए वही सपने दिखाओ जो पूरे हो सकते हैं। उन्होंने कहा था कि वह सपने दिखाने वालों में से नहीं हैं, जो भी बोलते हैं डंके की चोट पर बोलते हैं।
'अच्छे दिन होते नहीं, मानने वाले पर निर्भर करते हैं'
अच्छे दिन के वादे पर गडकरी ने कहा था कि अच्छे दिन होते ही नहीं हैं, बल्कि यह तो मानने वाले पर निर्भर करते हैं। 3 हिंदी राज्यों में हार के बाद उन्होंने कहा था, "यदि मैं पार्टी अध्यक्ष हूं और मेरे सांसद और विधायक अच्छा नहीं करते हैं तो कौन जिम्मेदार होगा?" पिछले साल गडकरी ने यह भी बोला था कि भाजपा को सत्ता में आने की उम्मीद नहीं थी, इसलिए लोगों से बड़े-बड़े वायदे कर दिए।
संघ में गडकरी की भरपूर पैठ
भाजपा और संघ की राजनीति की जानकारी रखने वाले मानते हैं कि पार्टी पर अभी राज कर रही मोदी-शाह की जोड़ी और गडकरी में रिश्ते कभी सहज नहीं रहे। आज जिस कुर्सी पर अमित शाह विराजमान हैं, 2014 चुनाव से पहले उस पर गडकरी का कब्जा था। कम सीट आने पर गठबंधन की स्थिति में खुद को संभावित प्रधानमंत्री दावेदार के तौर पर देखने वाले नेताओं में गडकरी का भी नाम है। उन्हें संघ का भी भरपूर समर्थन है।