बिजली संकट: कोयला ढुलाई ट्रेनों को रास्ता देने के लिए रद्द की गईं यात्री ट्रेनें
कई राज्यों में जारी बिजली संकट के बीच रेलवे ने कोयला ढोने वाली ट्रेनों की सुगम आवाजाही के लिए कई यात्री ट्रेनों को रद्द किया है। गौरतलब है कि कई थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी चल रही है, जिससे बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। बढ़ती गर्मी के कारण बिजली की मांग बढ़ी है, लेकिन पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते कई जगहों पर लंबे पावर कट हो रहे हैं, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है।
हालात सामान्य होने तक अस्थायी व्यवस्था- रेलवे अधिकारी
भारतीय रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी गौरव कृष्णा बंसल ने कहा कि यह अस्थायी व्यवस्था है और हालात सामान्य होते ही यात्री ट्रेनों को बहाल कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेलवे कम से कम समय में कोयला थर्मल प्लांट्स तक पहुंचाना चाहती है।
ट्रेनों की कमी से भी प्रभावित होती है आपूर्ति
देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित थर्मल प्लांट्स में कोयला पहुंचाने के लिए 453 ट्रेनों की जरूरत है, लेकिन अभी लगभग 400 ट्रेनें ही चल रही हैं। इसके अलावा बोगियों की कम संख्या भी कोयले की आपूर्ति पर असर डालती है। इस कमी को दूर करने के लिए बढ़ती मांग के बीच रेलवे ने एक लाख बोगियों को जोड़ने की योजना बनाई है। माल ढुलाई के लिए देश में विशेष ट्रेन रूट भी तैयार किए जा रहे हैं।
17 प्रतिशत कम हुआ कोयले का स्टॉक
इस महीने की शुरुआत के बाद देश के थर्मल प्लांट्स में कोयले का स्टॉक 17 प्रतिशत कम हो गया है और अभी तय जरूरत का केवल एक तिहाई हिस्सा ही मौजूद है। इसके चलते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, जम्मू-कश्मीर और ओडिशा आदि राज्यों में बिजली उत्पादन प्रभावित हो रहा है। पिछले साल अक्टूबर के दौरान भी देश में कोयले की कमी के चलते बिजली उत्पादन पर असर पड़ा था। तब प्रधानमंत्री ने भी हालात की समीक्षा की थी।
दिल्ली सरकार ने चेताया- गुल हो सकती है अस्पतालों की बत्ती
कोयले की कमी के गहराते संकट के बीच दिल्ली सरकार ने चेताया है कि राजधानी के अस्पतालों और मेट्रो समेत महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को की जाने निर्बाध बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने हालात की समीक्षा के लिए एक आपातकालीन बैठक की और केंद्र सरकार से राजधानी को बिजली आपूर्ति करने वाले थर्मल प्लांट में पर्याप्त कोयला भेजने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार हालात पर नजर रख रही है।
दिल्ली में 6,000 मेगावाट पहुंची बिजली की मांग
गुरुवार को दिल्ली में बिजली की मांग 6,000 मेगावाट तक पहुंच गई। इस महीने बिजली की मांग में 34 प्रतिशत का इजाफा हो चुका है। अनुमान है कि इस बार बिजली की मांग अधिकतम 8,200 मेगावाट तक जा सकती है।
अन्य राज्यों का भी यही हाल
राजधानी दिल्ली के अलावा देश के कई अन्य राज्यों का भी यही हाल है। हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड समेत कई राज्यों में कोयले की कमी के चलते बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है। भीषण गर्मी में लगने वाले लंबे पावर कट लोगों की परेशानी और बढ़ा रहे हैं। हरियाणा इन दिनों 3,000 मेगावाट की कमी से जूझ रहा है वहीं पंजाब में बिजली की मांग और आपूर्ति में 800 मेगावाट का अंतर है।