कोयला आपूर्ति में कमी, हरियाणा और पंजाब में पैदा हो सकता है बिजली संकट
क्या है खबर?
आपूर्ति में कमी के चलते हरियाणा और पंजाब के कई थर्मल प्लांट्स में अब कुछ ही दिनों का कोयला बचा है।
बढ़ते तापमान के साथ इन दिनों बिजली की खपत बढ़ रही है और कोयले की कमी दोनों राज्यों में बड़ा बिजली संकट पैदा कर सकती है।
कोयले की आपूर्ति कम होने के कारण पंजाब के जीवीके गोविंदवाल साहिब थर्मल प्लांट की दो यूनिट्स को अस्थायी तौर पर बंद करना पड़ा है, जहां 540 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।
पंजाब
किस प्लांट में कितना कोयला बाकी?
रोपड़ स्थित गुरु गोबिंद सिंह थर्मल प्लांट में 8.6 दिनों का कोयला बचा है। वहीं भठिंडा के गुरु हरगोबिंद थर्मल प्लांट में 6.3 दिनों का स्टॉक बाकी है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, रोपड़ और गोविंदवाल थर्मल प्लांट में सोमवार और मंगलवार को कोयला नहीं पहुंचा था, जिसके चलते आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
निजी थर्मल प्लांट की बात करें तो तलवंडी साबो स्थित प्लांट में चार और राजपुरा प्लांट में 17 दिनों का कोयला बचा है।
बयान
"81 थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी"
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPEF) के प्रवक्ता वीके गुप्ता ने बताया कि केवल पंजाब नहीं बल्कि पूरे उत्तरी क्षेत्र का यही हाल है।
उन्होंने बताया, "सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू कोयले का इस्तेमाल कर रहे 150 थर्मल प्लांट्स में से 81 में कोयले का स्टॉक कम है। निजी प्लांट्स का हाल भी सरकारी प्लांट्स की तरह है और 54 में से 28 में कुछ दिनों का कोयले का स्टॉक बचा है।"
जानकारी
हरियाणा का क्या हाल?
गुप्ता ने आगे बताया कि हरियाणा के यमुनानगर थर्मल प्लांट में आठ और पानीपत प्लांट में सात दिनों का कोयला बचा है। वहीं खेदड़ प्लांट में 22 दिनों का कोयला का स्टॉक बचा है, लेकिन यहां एक ही यूनिट में बिजली उत्पादन हो रहा है।
कारण
ट्रेनों की कमी बड़ी परेशानी
विदेशों से आने वाले कोयले की महंगी कीमत समेत अन्य कारणों के साथ-साथ कोयला ढुलाई के लिए रेलवे की तरफ से लगाई गई ट्रेनों की कम संख्या भी परेशानी की एक वजह है।
दरअसल, देश के अलग-अलग हिस्सों में स्थित थर्मल प्लांट्स में कोयला पहुंचाने के लिए 453 ट्रेनों की जरूरत है, लेकिन अभी लगभग 400 ट्रेनें ही चल रही हैं।
इसके अलावा डिब्बों की कमी के चलते भी कोयले की आपूर्ति पर असर पड़ता है।
समाधान
सरकार क्या कर रही है?
उर्जा मंत्रालय ने बिजली की अधिक खपत को देखते हुए पर्याप्त स्टॉक के लिए कोयले के आयात का सुझाव दिया है।
इसके अलावा देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादन और आपूर्ति कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) ने कहा है कि वह कोयले से बिजली बनाने वाले संयंत्रों की आपूर्ति में 14.2 प्रतिशत का इजाफा कर रही है।
इस साल कंपनी ने अप्रैल में रोजाना औसत 16 लाख टन कोयले की आपूर्ति की है, जो पिछले साल से अधिक है।