बंगाल: TMC नेता की हत्या के बाद जिंदा जलाए गए आठ लोग, SIT गठित
पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा अभी भी जारी है और सोमवार को बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के एक नेता की हत्या के बाद आठ लोगों को जिंदा जला कर मार दिया गया। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने मामले में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। राज्य सरकार ने मामले में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया है और निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना बीरभूम जिले के रामपुरहट इलाके की है। यहां के बगुटी गांव के उप प्रधान और TMC नेता भाडू शेख पर सोमवार रात को राष्ट्रीय राजमार्ग-60 पर देसी बम से हमला किया गया। उन्होंने फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। शेख इलाके के एक लोकप्रिय नेता थे, इसलिए उनकी मौत के बाद उनके समर्थकों ने उनके गांव में विरोधी गैंग के लोगों के कुछ घरों पर हमला कर दिया।
भीड़ ने घरों को बंद कर लगाई आग
आरोप है कि उपद्रवियों के एक समूह ने यहां के कई घरों को बाहर से बंद कर दिया और फिर उनमें आग लगा दी। जिस समय आग लगाई गई, इन घरों के निवासी अंदर ही थे और आग में जलकर आठ लोगों की मौत हो गई। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो उपद्रवियों ने उसे भी आग नहीं बुझाने दी। अंत में पुलिस ने जैसे-तैसे भीड़ से छुटकारा पाकर आग को बुझाया।
लगभग एक दर्जन घरों में लगाई गई आग- पुलिस
पुलिस ने लगभग एक दर्जन घरों में आग लगाए जाने की बात कही है। पुलिस ने कहा कि घटना के बाद सात शव एक ही घर से बरामद हुए। तीन घायलों में शामिल एक शख्स की मंगलवार सुबह अस्पताल में मौत हो गई। बुरी तरह जलने के कारण शवों की पहचान नहीं हो पाई है और उन्हें रामपुरहट मेडिकल कॉलेज भेजा गया है। शेख की हत्या के लिए एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है।
दो पुलिस अधिकारी निलंबित, SIT करेगी जांच
घटना का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने मामले में रामपुरहट पुलिस स्टेशन के इनचार्ज ऑफिसर और सब-डिविजिनल पुलिस ऑफिसर (SDPO) को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय SIT भी बनाई गई है। इस SIT में ज्ञानवंत सिंह, मिराज खालिद और संजय सिंह आदि वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने वीडियो जारी कर घटना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि ये आगजनी का तांडव है और मानवाधिकार समाप्त हो गए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
राजनीतिक हिंसा के लिए बदनाम पश्चिम बंगाल में पिछले साल विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद हिंसा हुई थी। चुनाव में TMC की जीत के बाद हुबली में भाजपा के कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया था। इतना ही नहीं कई जगहों पर भाजपा और TMC कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़पें हुई थीं। हिंसा में कई लोगों की मौत भी हुई थी। मामले में भाजपा ने TMC पर गुंडागर्दी का आरोप लगाया था।