बीरभूम हिंसा: केंद्र ने राज्य सरकार से तलब की रिपोर्ट, अब तक क्या-क्या हुआ?
पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में तथाकथित राजनीतिक हिंसा में आठ लोगों को जिंदा जलाए जाने के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से रिपोर्ट तलब की है। इसके अलावा भाजपा ने भी मामले की जांच के लिए अपने एक टीम बंगाल भेजी है। बंगाल सरकार ने भी अपने स्तर पर मामले में विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इसके अलावा कुछ पुलिस अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।
बीरभूम में क्या हुआ था?
बीरभूमि के रामपुरहट इलाके के बोगतुई गांव में मंगलवार सुबह एक उग्र भीड़ ने देसी बमों से कुछ घरों पर हमला कर दिया था। हमले में लगभग 10 घर जलकर खाक हो गए और आठ लोगों की जलकर मौत हो गई। आरोप है कि भीड़ ने ये हमला तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेता भाडू शेख की हत्या के जवाब में किया था। शेख की सोमवार रात को गांव से कुछ दूर हाईवे पर हत्या कर दी गई थी।
बंगाल भाजपा की अपील के बाद केंद्र ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
घटना के बाद बंगाल भाजपा की एक टीम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिली और उनसे मामले में दखल देने की अपील की। इसके बाद ही केंद्र सरकार ने बंगाल सरकार से रिपोर्ट तलब की है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी घटना के सभी तथ्य पता करने के लिए पार्टी के स्तर पर एक टीम का गठन किया है। इस टीम में चार पूर्व पुलिस अधिकारी और बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांता मजूमदार शामिल होंगे।
TMC ने कहा- पार्टी हिंसा में किसी भी तरह से शामिल नहीं
TMC ने मामले पर सफाई देते हुए हिंसा में किसी भी तरह से शामिल होने से इनकार किया है। राज्य सरकार ने मंगलवार को ही मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय SIT का गठन कर दिया था। इसके अलावा रामपुरहट पुलिस स्टेशन के इनचार्ज ऑफिसर और सब-डिविजिनल पुलिस ऑफिसर (SDPO) को निलंबित कर दिया गया है। TMC ने मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में अपना एक दो सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी रामपुरहट के लिए रवाना किया है।
विधानसभा और लोकसभा में भी उठा मामला
घटना को लेकर राज्य विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ और भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री से सदन में बयान देने की मांग की। भाजपा के 22 विधायकों ने सदन से वॉकआउट भी किया, वहीं नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने ट्वीट कर केंद्र से मामले में दखल देने की अपील की। लोकसभा में कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि बंगाल में बच्चों और महिलाओं को जिंदा जलाए जाने की घटनाएं हो रही हैं।
घटना के कारण राज्यपाल और ममता बनर्जी एक बार फिर आमने-सामने
बीरभूम की इस घटना के कारण बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। राज्यपाल ने वीडियो जारी कर घटना की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि ये आगजनी का तांडव है और राज्य में मानवाधिकार समाप्त हो गए हैं। जवाब में ममता ने पत्र लिखते हुए राज्यपाल के बयान को गैरजरूरी बताया और कहा कि ऐसा अनुचित है। उन्होंने राज्यपाल से ऐसे बयानों से बचने का अनुरोध किया।