संसद हाथापाई मामला: CISF का सुरक्षा में चूक से इनकार, कहा- नहीं लाने दिए हथियार
संसद के शीतकालीन सत्र में गत गुरुवार (19 दिसंबर) को सांसदों के बीच हुई झडंप को लेकर अब केंद्रीय औद्योगिकी सुरक्षा बल (CISF) का बयान सामने आया है। इसमें कहा गया है कि झड़प में उसकी ओर से कोई चूक नहीं हुई थी और न ही किसी सांसद को हथियार लाने की अनुमति दी गई थी। बता दें कि वर्तमान में संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF के हाथों में ही है। ऐसे में उसका बयान काफी अहम है।
CISF के उपमहानिरीक्षक ने दिया अहम बयान
CISF उपमहानिरीक्षक (अभियान) श्रीकांत किशोर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सांसदों की झड़प के दौरान हमारी ओर से कोई चूक नहीं हुई। किसी भी सांसद को हथियार लाने की अनुमति नहीं दी गई। CISF इस घटना के बारे में कोई जांच नहीं कर रहा है और न ही किसी ने उनसे जांच के लिए कहा है।" सांसदों के आरोपों पर उन्होंने कहा, "जब सम्मानीय सदस्य आरोप लगाते हैं तो CISF चुप ही रहने का फैसला लेता है।"
क्या है धक्का-मुक्की का मामला?
19 दिसंबर को गृह मंत्री अमित शाह के बयान के विरोध में INDIA गठबंधन के सांसद संसद में मार्च निकाल रहे थे। इधर, भाजपा सांसद भी मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच दोनों पक्ष के सांसद आमने-सामने हो गए और नारेबाजी होने लगी। जब INDIA के सांसद सदन में जाने लगे तो धक्का-मुक्की हुई और भाजपा सांसद मुकेश राजपूत और प्रताप सारंगी घायल हो गए। बाद में दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।
भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज कराई FIR
इस मामले में भाजपा ने राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। उसमें उन पर सुरक्षाकर्मियों के निर्देशों की अवहेलना करने और NDA सांसदों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से धक्का मारने का आरोप लगाया है। इसी तरह कांग्रेस ने भी भाजपा सांसदों पर धक्का-मुक्की करने का आरोप लगाया है। राहुल के खिलाफ दर्ज FIR की जांच अब अपराध शाखा कर रही है। ऐसे में यह मामला काफी तूल पकड़ चुका है।