महाराष्ट्र में भाजपा के विधायक दल की बैठक आज, मुख्यमंत्री के नाम का होगा खुलासा
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा असमंजस बुधवार को समाप्त हो जाएगा। पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी सुबह 10 बजे पार्टी की बैठक करेंगे, इसके बाद 11 बजे विधान भवन के सेंट्रल हॉल में भाजपा विधायक दल की बैठक होगी। बैठक में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगने के बाद आलाकमान को जानकारी दी जाएगी और आधिकारिक घोषणा होगी।
मुख्यमंत्री पर रार खत्म, लेकिन विभागों को लेकर ठनी
भाजपा नेताओं ने बताया कि आज की मुख्यमंत्री का चुनाव होने के बाद भावी मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। मुख्यमंत्री के लिए भाजपा के देवेंद्र फडणवीस और 2 उपमुख्यमंत्री के लिए एकनाथ शिंदे और अजित पवार के नाम पर भले ही रार खत्म हो गई है, लेकिन विभागों को लेकर अभी विवाद है। गृह विभाग और शहरी विकास विभाग को लेकर असमंजस है, जो भाजपा और शिवसेना दोनों चाहते हैं।
मंगलवार शाम को हुई शिंदे की बैठक में क्या लिया गया निर्णय?
पिछले कई दिनों से बीमार कार्यवाहक मुख्यमंत्री शिंदे मंगलवार शाम को ठाणे के जूपिटर अस्पताल में भर्ती हुए थे, जहां कुछ प्रमुख जांचों के बाद वह सीधे सरकार आवास 'वर्षा' पहुंच गए। यहां उन्होंने फडणवीस से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि शिंदे उपमुख्यमंत्री पद के लिए मान गए हैं, लेकिन गृह विभाग भी चाहते हैं, जबकि भाजपा उनको उपमुख्यमंत्री के साथ शहरी विकास विभाग दे रही है। अभी शिंदे ने इस पर सहमति नहीं दी है।
शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को लेकर चल रहा तनाव समाप्त होने के बाद 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में शपथ ग्रहण की तैयारियां भी तेजी से चल रही हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। 5 दिसंबर को केवल मुख्यमंत्री और 2 उपमुख्यमंत्री ही शपथ लेंगे। अभी कैबिनेट मंत्रियों के शपथ को लेकर निर्णय नहीं लिया गया है। शपथ ग्रहण में "एक हैं तो सुरक्षित हैं" को थीम बनाया गया है। इसमें राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
किसके होंगे कितने मंत्री?
शिंदे गुट की शिवसेना ने 16 मंत्रालय मांगे हैं, लेकिन सहमति सिर्फ 13 पर बनती दिख रही है। इसमें 7 कैबिनेट और 6 राज्य मंत्री होंगे। शिवसेना के पास पहले से उपसभापति का पद है, लेकिन उसकी नजर विधान परिषद के सभापति पद पर भी है। भाजपा 22 मंत्री बना सकती है, जबकि अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को वित्त और उपसभापति सहित 9-10 मंत्रालय मिलने की उम्मीद है। अंतिम फैसला भाजपा विधायक दल की बैठक में होगा।