नोटबंदी के बाद भी नहीं लगी नकली नोटों पर लगाम, 5 साल में 300 प्रतिशत बढ़े
भ्रष्टाचार और नकली नोटों पर लगाम के लिए 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का ऐलान किया था, लेकिन इसका असर 8 साल भी नहीं दिख रहा है। यह जानकारी लोकसभा में वित्त मंत्रालय ने एक सवाल के जवाब में दी है। इसे कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर साझा किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि देशभर में 2000 और 500 रुपये के नकली नोटों में जबरदस्त उछाल आया है।
नकली नोटों में कितनी हुई बढ़ोतरी?
मंत्रालय की ओर से बताया गया कि बैंकिंग प्रणाली में पकड़े गए नकली 500 (महात्मा गांधी वाली नई श्रृंखला) नोटों की संख्या 2018-19 में 21,865 करोड़ से बढ़कर 2023-24 में 85,711 करोड़ हो गई। वित्त वर्ष 2022 में 500 के नकली नोटों के चलन में काफी उछाल दिखा है, जो वित्त वर्ष 2021 में 39,453 करोड़ से बढ़कर 79,669 करोड़ हो गई, यानि एक साल में 102 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। 5 वर्षों में 300 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
2000 के नकली नोट भी बढ़े
जवाब से पता चला कि 2000 रुपये के नकली नोट में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। इनमें भी वित्तीय वर्ष 2024 में 166 प्रतिशत की बढ़ोतरी दिखी, जो वित्तीय वर्ष 2023 में 9,806 करोड़ से बढ़कर 26,035 करोड़ हो गई। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने एक्स पर लिखा, 'ये आंकड़े नोटबंदी की भारी नाकामी को दर्शाते हैं। नोटबंदी को नकली करेंसी और काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में प्रचारित किया गया था।'