कोरोना वायरस: मुंबई में सामने आई आंकड़ों में गड़बड़ी, दर्ज नहीं की गईं 451 मौतें
मुंबई में कोरोना वायरस से संबंधित कम से कम 451 मौतें आधिकारिक आंकड़ों में शामिल न होने का मामला सामने आया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़ों को अपने आंकड़ों से मिलाने के अभियान के दौरान महाराष्ट्र सरकार को ये झोल मिला है। बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अधिकारियों के अनुसार, इनमें से 57 मौतों को थोड़ा-थोड़ा करके मौतों के आधिकारिक आंकड़ों में शामिल कर लिया गया है, वहीं बाकी को शामिल किए जाने की प्रक्रिया जारी है।
महाराष्ट्र सरकार ने चलाया था ICMR के पोर्टल से अपने आंकड़े मिलाने का अभियान
सभी जिला अधिकारियों और लैब्स को कोरोना वायरस से संबंधित आंकड़े केंद्र सरकार और ICMR के 'CV एनालिटिक्स' ऑनलाइन पोर्टल पर डालने होते हैं। 'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने इस पोर्टल और अपने आंकड़ों को मिलाने के लिए एक अभियान चलाया था जो छह जून को खत्म हुआ। इसमें हर मामले का विश्लेषण किया गया, दो बार आए मामलों को हटा दिया गया और सक्रिय, मृत और ठीक हो चुके मरीजों की जानकारियां अपडेट की गईं।
अभियान में सामने आया मुंबई के आंकड़ों में झोल
राज्य के एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया, "हमने पाया कि मुंबई के 451 मरीजों की पोर्टल पर कोई अपडेट नहीं है। विस्तृत जांच में सामने आया कि ये मरीज मर चुके हैं, लेकिन इन्हें आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं किया गया।" सूत्रों के अनुसार, BMC ने राज्य सरकार को बताया है कि इनमें से तीन अप्राकृतिक (आत्महत्या या दुर्घटना) से हुई हैं, 20 नाम डुप्लीकेट थे और 57 मौतों को धीरे-धीरे आधिकारिक आंकड़ों में शामिल कर दिया गया है।
371 मौतों को आधिकारिक आंकड़ों में शामिल करना बाकी
अधिकारियों के अनुसार, अब 371 मौतें ऐसी रह गई हैं जो आधिकारिक आंकड़ों में शामिल नहीं हैं और उन्हें भी धीरे-धीरे शामिल किया जा रहा है। एक अधिकारी के अनुसार, सभी मौतों को एक साथ आंकड़ों में शामिल करने पर दहशत का माहौल पैदा हो सकता था, इसलिए इन्हें थोड़ा-थोड़ा करके अपडेट किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर 13 जून को 27 मई और 10 जून के बीच हुई 19 मौतों को आधिकारिक आंकड़ों में शामिल किया गया।
मुख्य सचिव बोले- हमारा मकसद पारदर्शी बने रहना
मामले पर महाराष्ट्र के मुख्य सचिव अजॉय मेहता ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा, "हमारा मकसद मामलों और मौतों के आंकड़ों पर पारदर्शी बने रहना है। मिलान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आंकड़ों की छानबीन की जाएगी और आधिकारिक मामलों को अपडेट किया जाएगा।" उन्होंने कहा, "आंकड़ों में अंतर कैसे पैदा हुआ, इसकी जांच की जाएगी। अगर ये मानवीय गलती से हुआ तो ठीक है, लेकिन अगर किसी ने गलत इरादों से ऐसा किया होगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।"
महामारी विशेषज्ञ बोले- मानवीय भूल हो सकती है अंतर का कारण
राज्य के महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रदीप आवटे ने कहा है कि मुंबई के आंकड़ों में अंतर मानवीय भूल के कारण हो सकता है। उन्होंने कहा, "मुंबई और महाराष्ट्र में हजारों मामले सामने आ रहे हैं। आंकड़ों को अपडेटेड रखना आसान नहीं है।"
कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं महाराष्ट्र और मुंबई
बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्य है और मुंबई देश का सबसे अधिक प्रभावित शहर है। महाराष्ट्र में अब तक 1,10,744 लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 4,128 की मौत हुई है। वहीं मुंबई में मरीजों की संख्या 59,293 पहुंच गई है और 2,250 मरीजों की मौत हुई है। पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 178 लोगों की मौत हुई, जिनमें से 68 अकेले मुंबई में हुईं।