बिहार के 20 लाख प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए चलाई जाएंगी 800 स्पेशल ट्रेनें
कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए देशभर में चल रहे लॉकडाउन के बीच विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए राहत की खबर आई है। रेलवे की ओर से 20 लाख से अधिक मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 800 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। इसके लिए रेलवे और बिहार सरकार के बीच सहमति बन गई है। बिहार सरकार ने मजदूरों को लाने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
आठ लाख से अधिक प्रवासी मजदूर पहुंच चुके हैं बिहार
रिपोर्ट्स के अनुसार रेलवे की ओर से अब तक चलाई गई स्पेशल ट्रेनों के जरिए आठ लाख से अधिक प्रवासी मजदूर बिहार पहुंच चुके हैं, लेकिन राज्य में उन्हें क्वारंटाइन करने की पर्याप्त सुविधाएं नहीं है। इसी बीच उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने घोषणा की है कि राज्य के प्रवासी मजदूरों के लिए अब रोजना 100 स्पेशल ट्रेनें चलाई जाएंगी। इसके लिए केंद्र सरकार से सहमति हो गई है। ऐसे में 20 लाख मजदूरों के लिए कुल 800 ट्रेनें चलाई जाएंगी।
प्रतिदिन सैकड़ों प्रवासी मजदूरों के हो रही कोरोना संक्रमण की पुष्टि
राज्यों में प्रवासी मजदूरों की वापसी परेशानियां भी लेकर आ रही है। श्रमिकों के पहुंचने से राज्यों के पास क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था गड़बड़ाने लगी है। सबसे ज्यादा हालत बिहार की खराब है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार प्रवासी मजदूरों में सबसे ज्यादा संक्रमण की पुष्टि हो रही है। बिहार में 18 मई तक 8,337 मजदूरों का परीक्षण किया जा चुका हैं। इनमें से 8 प्रतिशत संक्रमित मिले हैं। इसी तरह दिल्ली से लौटे 835 में से 218 संक्रमित मिले हैं।
महाराष्ट्र से लौटे प्रवासी मजदूरों में सबसे ज्यादा हो रही संक्रमण की पुष्टि
रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र से लौटे प्रवासी मजदूरों में सबसे ज्यादा संक्रमण की पुष्टि हो रही है। महाराष्ट्र से लौटे 1,283 मजदूरों की जांच में 141 में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसी तरह हरियाणा से लौटने वाले 390 मजदूरों में से 36, पश्चिम बंगाल से आए मजदूरों के 265 नमूनों में से 33 संक्रमित मिले हैं। संक्रमण की यह दर 12 प्रतिशत है जो बंगाल के संक्रमण की दर 3 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
घर जाने के लिए सैकड़ों की तादात में बांद्रा स्टेशन पहुंचे मजदूर
प्रवासी मजदूरों के लिए घर पहुंचने की चाहत से बढ़कर कुछ नहीं है। उनमें कोरोना वायरस के संक्रमण का भी डर नहीं दिखाई दे रहा है। मंगलवार को मुंबई में बिहार के लिए जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए 2,000 से अधिक मजदूर बांद्रा टर्मिनल स्टेशन के पास जमा हो गए। एक श्रमिक ट्रेन में 1,700 मजदूरों को ही बिठाया जा सकता है। ऐसे में पुलिस ने दोपहर 2 बजे मजदूरों को खदेड़ा।
पंजीकृत यात्रियों की जांच कर ट्रेन में बिठया- आधिकारिक
रेलवे मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी (CPRO) रविंद्र भाकर ने कहा, "ट्रेन पूर्णिया के लिए निर्धारित की गई थी। बिना पंजीयन के कई प्रवासी मजदूर स्टेशन के बाहर सड़क पर जमा हो गए थे। पंजीकृत यात्रियों को ट्रेन में बिठाया गया था।"
स्पेशल ट्रेनों के संचालन के लिए अब राज्यों से नहीं लेनी होगी अनुमति
इस बीच केंद्र ने अपने अपने उस नियम को बदल दिया है, जिसमें सरकार को अंतिम गंतव्य स्टेशन वाली सरकार से अनुमति लेनी होती थी। रेलवे के प्रवक्ता राजेश बाजपेई ने कहा, "अब श्रमिक स्पेशन ट्रेनों के संचालन के लिए अंतिम गंतव्य वाले स्टेशन वाली राज्य सरकार से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।" बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से प्रवासियों के लिए अब तक 1,500 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है।
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कही राज्यों की अनदेखी नहीं करने की बात
केंद्र सरकार के बिना अनुमति ही ट्रेनों का संचालन करने के निर्णय को लेकर आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकार ने राज्य सरकारों की अनदेखी की है। इस पर गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा है कि रेलवे और राज्यों के आपसी समन्वयन के बिना ट्रेनों का सही तरह से संचालन कैसे हो सकता है? राज्यों को जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना के आधार पर गाड़ियों की आवश्यकता होती है। रेलवे अधिक ट्रेनों का आवंटन कर सकता है।