भारतीय रेलवे ने बदले 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेन के नियम, अब 1,200 की जगह 1,700 करेंगे यात्रा
क्या है खबर?
देश में लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
इसके बाद भी कई मजदूरों के पैदल, साइकिल और अन्य वाहनों में यात्रा करने को मजबूर हैं।
इसको देखते हुए रेल मंत्रालय ने सोमवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन के नियमों में संशोधन किया है। इसके तहत अब स्पेशन ट्रेनों में 1,200 की जगह 1,700 लोग यात्रा कर सकेंगे।
संशोधन
रेलवे ने यह किया नियमों में संशोधन
रेलवे मंत्रालय के संशोधित आदेश में कहा गया है कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के द्वारा अधिक से अधिक प्रवासियों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए अब प्रत्येक ट्रेन में 1,200 की जगह 1,700 यात्रियों को बैठाया जाएगा।
ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बर्थ के अनुसार होगी। इसी प्रकार राज्यों की मांग के अनुसार ट्रेन के अंतिम गंतव्य तक पहुंचने से पहले तीन स्टेशनों पर ठहराव किया जाएगा। इससे वहां फंसे मजदूर भी ट्रेन में सवार हो सकेंगे।
जानकारी
इससे पहले 1,200 श्रमिकों को ही बैठाया जा रहा था
बता दें कि इससे पहले श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अधिकतम 1,200 मजदूरों को ही बैठाया जा रहा था। इसके अलावा ट्रेन को स्टेशन से रवाना होने के बाद अंतिम गंतव्य स्टेशन से पहले बीच में कहीं भी रुकने की अनुमति नहीं दी गई थी।
अपील
रेल मंत्री ने राज्य सरकारों से की ट्रेनों के संचालन की अनुमति देने की अपील
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्यों से अपील की है कि श्रमिकों के लिए चलाई जाने वाली स्पेशल ट्रेनों के संचालन की अनुमति दें ताकि फंसे लोग अगले तीन-चार दिनों में अपने घर पहुंच सकें।
गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ट्रेन चलाने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखने के बाद रेल मंत्री ने यह अपील की है।
उन्होंने ट्वीट किया कि 600 ट्रेनों गत छह दिनों से संचालन के लिए तैयार हैं।
संचालन
रेलवे ने अब तक किया 428 ट्रेनों का संचालन
रेलवे द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए 1 मई से रविवार तक 428 स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा चुका है। इनमें से 287 ट्रेन अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी है और 141 अभी रास्ते में हैं।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार गंतव्य तक पहुंची ट्रेनों में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश 127, बिहार 87, मध्य प्रदेश 24, ओडिशा 20, झारखंड 16, राजस्थान चार, महाराष्ट्र तीन, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के लिए दो-दो तथा आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश एक-एक ट्रेन पहुंची है।
खर्च
प्रत्येक ट्रेन पर आ रहा करीब 80 लाख रुपये का खर्च
रेलवे ने स्पेशन ट्रेनों के संचालन पर हो रहे खर्च का पूरी जानकारी नहीं दी है, लेकिन उसके द्वारा एक ट्रेन पर करीब 80 लाख रुपये का खर्च होने का अनुमान लगाया है।
ऐसे में अब तक संचालित हुए 428 ट्रेनों पर तीन अरब 42 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं।
इस राशि में से 85 प्रतिशत रेलवे और 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारों को वहन करना है। रेलवे ने अभी खर्च के और बढ़ने की संभावना जताई है।
राहत शिविर
पैदल जाने वाले श्रमिकों को राहत शिविरि में पहुंचाए सरकार
गत दिनों प्रवासी मजदूरों के पैदल, साइकिल या अन्य वाहनों में सवार होकर जाने के दौरान हादसों में हुई उनकी मौत को देखते हुए केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को प्रवासी मजदूरों के पैदल पलायन को रोकने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि रेलवे द्वारा स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। ऐसे में राज्यों से पैदल जाने वाले श्रमिकों को समझाकर राहत शिविरों में लाया जाए और फिर उन्हें ट्रेनों में बैठाए।