केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में हुए कई अहम फैसले, किसानों को मिलेगी फसलों की बेहतर कीमत
कोरोना वायरस महामारी के संकट के बीच केंद्रीय कैबिनेट की बैठक सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई। इसमें देश के अर्थव्यवस्था को मजबूती देने तथा लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुई MSMEs और किसानों के हित में कई बड़े फैसले किए गए हैं। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, नितिन गडकरी और नरेंद्र सिंह तोमर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक में लिए गए अहम निर्णयों की जानकारी दी।
किसानों के हित के लिए MSP में किया 50 से 83 प्रतिशत का इजाफा
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने बताया कि किसानों के हित के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को अमल में लाया गया है। इसके तहत कृषि लागत और मूल्य आयोग की खरीफ की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन (MSP) मूल्य बढ़ाने की सिफारिश को मंजूरी दे दी गई है। सरकार ने MSP में 50 से 83 प्रतिशत का इजाफा किया है। इससे अब किसानों को उनकी मेहनत और फसलों की बेहतर कीमत मिल सकेगी।
देश में इस साल हुई बंपर पैदावार
केंद्रीय मंत्री तोमर ने बताया कि इस बार बंपर पैदावार हुई है। अब तक 95 लाख मीट्रिक तक चावल और 360 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदा जा चुका है। इसी तरह दलहन और तिलहन की खरीद का कार्य भी युद्ध स्तर पर चल रहा है।
MSMEs की नई परिभाषा को मिली मंजूरी
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) की नई परिभाषा को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा संकट में पड़े MSMEs के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसी तरह MSMEs के लिए पहली बार 50,000 करोड़ की इक्विटी का प्रस्ताव लिया गया है। इससे 25 लाख MSMEs के पुनर्गठन की उम्मीद है और 2 लाख नए फंड से शुरू हो जाएगी।
यह है MSMEs की नई परिभाषा
केंद्रीय मंत्री जावड़ेकर ने बताया कि MSMEs की नई परिभाषा के तहत सूक्ष्म उद्योगों के लिए सीमा एक करोड़ रुपये का निवेश और पांच करोड़ रुपये के टर्नओवर की होगी। इसी तरह 10 करोड़ का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर वाले उद्योग छोटे लघु के अंतर्गत आएंगे। इसी प्रकार 20 करोड़ रुपये निवेश और 250 करोड़ रुपये का टर्नओवर करने वाले उद्योग मध्यम उद्योगों की श्रेणी में आएंगे। इससे उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलेगा।
20 करोड़ महिलाओं के खाते में पहुंचाई जाएगी आर्थिक मदद
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में देश की 20 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में सीधे आर्थिक मदद पहुंचाने का निर्णय किया गया है। इसी तरह खेती और उससे जुड़े काम के लिए 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कर्ज के भुगतान की तिथि 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई गई है। किसानों को अब चार प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलेगा। अब छोटे और मध्यम दर्जे के कारोबार भी शेयर बाजार में सूचीबद्ध किए जा सकेंगे।
रेहडी वालों को मिलेगा 10,000 रुपये तक का लोन
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बताया कि लॉकडाउन में रेहडी और पटरी वालों को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है। उनका धंधा बंद होने से उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में शहरी और आवास मंत्रालय ने रेहड़ी और पटरी वालों के लिए विशेष लोन देने की व्यवस्था की है। कैबिनेट ने इसे मंजूरी भी दे दी है। इसके तहत अब सभी रेहडी और पटरी वालों को 10,000 रुपये तक का लोन दिया जाएगा।