कोरोना वायरस: देश और राज्यों में क्या है टेस्टिंग की स्थिति?
पिछले कुछ दिनों में भारत में कोरोना वायरस के मामले में बड़ा उछाल देखने को मिला है और पिछले तीन दिन से रोजाना लगभग 5,000 मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को तो एक दिन में सबसे अधिक 5,611 मामले सामने आए और इसी के साथ कुल संक्रमितों की संख्या 1,06,750 पहुंच गई है। इस तेजी का संबंध टेस्टिंग की संख्या बढ़ने से भी है। आइए आपको बताते हैं कि पूरे देश और राज्यों में टेस्टिंग की क्या स्थिति है।
पिछले दो दिन में रोजाना एक लाख से ऊपर टेस्ट
अगर पूरे देश में टेस्टिंग की बात करें तो भले ही पिछले दो दिनों में रोजाना रिकॉर्ड नए मामले सामने आए हो, लेकिन इस बीच टेस्टिंग भी रिकॉर्ड स्तर पर हुई है। सोमवार को पहली बार देश में कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक टेस्ट हुए। इस दिन देशभर में 1,01,475 टेस्ट किए गए। वहीं मंगलवार, जिस दिन सबसे अधिक नए मामले सामने आए, को देशभर में 1,08,121 टेस्ट किए गए।
तमिलनाडु में सबसे अधिक, महाराष्ट्र में दूसरे नंबर पर सबसे अधिक टेस्ट
अगर राज्यों की बात करें तो अब तक तमिलनाडु ने सबसे अधिक 3,48,174 टेस्ट किए हैं। राज्य देश का दूसरा सबसे अधिक प्रभावित राज्य है और यहां अब तक 12,448 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं अगर सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र की बात करें तो यहां अब तक 2,93,998 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में अब तक कोरोना वायरस के 37,136 मामले मिल चुके हैं और विशेषज्ञ यहां टेस्टिंग बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं।
आंध्र प्रदेश और राजस्थान को टेस्टिंग की गति बनाए रखने की जरूरत
तीसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश काबिज है जहां अब तक 2,58,450 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में अभी तक कोरोना वायरस के 2,532 मामले सामने आए हैं और उसे टेस्टिंग के मामले में अपना अच्छा कार्य जारी रखने की जरूरत है। वहीं राजस्थान में अब तक 2,54,533 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में अभी तक 5,845 मामले सामने आए हैं और पिछले कुछ दिनों में मामले बढ़ने के कारण उसे टेस्टिंग की गति बनाए रखने की जरूरत है।
उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में भी बड़ी संख्या में टेस्टिंग
देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश टेस्टिंग की संख्या के मामले में पांचवें स्थान पर है और राज्य में अब तक 1,82,184 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में अब तक कोरोना वायरस के 4,926 मामले सामने आ चुके हैं और उसे टेस्टिंग की गति बनाए रखने की जरूरत है। इसके बाद कर्नाटक का नंबर आता है जहां अब तक 1,58,599 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य में 1,397 मामले सामने आए हैं और उसकी स्थिति बेहतर है।
गुजरात और दिल्ली को टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत
सातवें नंबर पर काबिज गुजरात में अब तक 1,54,674 टेस्ट किए जा चुके हैं। राज्य कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में देश में तीसरे स्थान पर काबिज है और यहां अभी तक 12,140 मामले सामने आ चुके हैं। इसी तरह कोरोना वायरस के 10,554 मामलों के साथ चौथे नंबर पर काबिज दिल्ली में अब तक 1,45,854 टेस्ट हुए हैं। गुजरात और दिल्ली, दोनों को ही अपनी टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत है ताकि संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
तेलंगाना की स्थिति सबसे खराब
अन्य राज्यों की बात करें तो तेलंगाना की स्थिति सबसे खराब है। राज्य में 14 मई तक महज 22,842 टेस्ट किए गए थे और केंद्र सरकार के पत्र लिखने के बावजूद राज्य में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई नहीं गई है। राज्य टेस्टिंग की संख्या के मामले में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा जैसे छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से भी काफी पीछे है। विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य में अगर टेस्टिंग नहीं बढ़ती तो स्थिति हाथ से निकल सकती है।
मध्य प्रदेश को भी टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत
वहीं मध्य प्रदेश को भी टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने की जरूरत है, विशेषकर ये देखते हुए कि राज्य में दोबारा नए मामलों में उछाल देखने को मिल रहा है। प्रवासी मजदूरों की वापसी के साथ बिहार और ओडिशा को भी नजर रखने की जरूरत है।