भारत में हर रोज 96 बच्चे होते हैं यौन शोषण और अत्याचार के शिकार
भारत में हर दिन 96 बच्चे यौन शोषण और अत्याचार का शिकार होते हैं। मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले संगठन नेशनल कैंपेन अगेंस्ट टॉर्चर (NCAT) ने अपनी एक रिपोर्ट में ये बात कही है। रिपोर्ट में राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के डाटा के आधार पर ये आंकड़े पेश किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों पर अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले मध्य प्रदेश में सामने आए हैं, जबकि असम दूसरे नंबर पर है।
2017 में 30,000 से अधिक बच्चों का हुआ यौन शोषण
NCAT ने बाल अधिकारों पर UN सम्मेलन की 20वीं वर्षगांठ के मौके पर 'भारत में बच्चों का अत्याचार और यौन शोषण' नाम से ये रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि NCRB की हालिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 में देश में 30,123 बच्चों का यौन शोषण हुआ और 4,857 बच्चों को अत्याचार का सामना करना पड़ा। NCAT के अनुसार, अगर इन दोनों आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो रोजाना 96 बच्चे यौन शोषण और अत्याचार के शिकार हुए।
पहली बार NCRB की रिपोर्ट में शामिल किए गए बच्चों पर अत्याचार के मामले
NCAT ने इस मौके पर NCRB रिपोर्ट में पहली बार बच्चों पर अत्याचार के मामले शामिल करने के कदम का स्वागत किया है। इनमें पुलिस द्वारा बच्चों पर अत्याचार के आंकड़े भी शामिल हैं। संगठन के कॉर्डिनेटर सुहास चकमा ने इस पर कहा, "NCRB का अपनी 'भारत में अपराध-2017' रिपोर्ट में पहली बार IPC की धारा 330 और 331 के अंतर्गत पुलिस द्वारा बच्चों पर अत्याचार के मामले शामिल करना सराहनीय है। "
मध्य प्रदेश में बच्चों पर अत्याचार के सबसे ज्यादा मामले
NCRB रिपोर्ट के अनुसार, 2017 में मध्य प्रदेश में बच्चों पर अत्याचार के सबसे ज्यादा 1,638 मामले सामने आए। 1,127 पीड़ितों के साथ असम दूसरे नंबर पर रहा। इसके बाद महाराष्ट्र (377), छत्तीसगढ़ (370), उत्तर प्रदेश (244), पश्चिम बंगाल (247), तमिलनाडु (179), केरल (178), आंध्र प्रदेश (120) और दिल्ली (97) का नंबर आता है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि चाइल्ड केयर संस्थानों में रह रहे चार लाख से अधिक बच्चों पर यौन शोषण का अधिक खतरा है।
पुलिस कस्टडी में दो नाबालिगों की मौत का मामला उठाया
NCAT ने बच्चों पर अत्याचार के उदाहरण के तौर पर मुंबई और उत्तराखंड में नाबालिगों की पुलिस की कस्टडी में मौत को पेश किया है। बता दें कि मुंबई के वडाला में 13 अप्रैल को एक 17 वर्षीय नाबालिग की रेलवे पुलिस की कस्टडी में मौत हो गई थी। वहीं उससे पहले उत्तराखंड के रूद्रपुर के ऊधम सिंह नगर जिले में 11 जुलाई को बृजेंद्र सिंह राणा के 17 वर्षीय पुत्र की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी।