भारत में रोज 61 गृहणियां करती हैं आत्महत्या, घरेलू हिंसा को बड़ा कारण बता रहे विशेषज्ञ

देश में औसतन हर 25 मिनट में एक गृहणी आत्महत्या कर रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आंकड़े बताते हैं कि बीते साल देश में 22,372 गृहणियों ने खुदकुशी की थी। औसत निकाला जाए तो हर दिन 61 और हर 25 मिनट में एक गृहणी ने अपनी जीवनलीला को समाप्त किया था। विशेषज्ञों का मानना है कि इन आत्महत्याओं के पीछे घरेलू हिंसा एक बड़ा कारण है।
NCRB के आंकड़े बताते हैं कि देश में बीते साल आत्महत्या करने वाले 1.53 लाख लोगों में से 14.6 फीसदी गृहणियां थीं। वहीं पिछले साल खुदकुशी करने वाली महिलाओं में से आधी संख्या गृहणियों की थी। 1997 से जब से NCRB ने आंकड़े इकट्ठा करना शुरू किया है, हर साल आत्महत्या करने वाली गृहणियों की संख्या 20,000 से ज्यादा रही है। 2009 में तो यह संख्या बढ़कर 25,000 से पार हो गई थी।
आमतौर पर गृहणियों की आत्महत्या को रिपोर्ट करते समय 'पारिवारिक समस्या' या 'शादी से जुड़े मामलों' को जिम्मेदार ठहराया जाता है, लेकिन जानकार मानते हैं कि घरेलू हिंसा इसकी एक बड़ी वजह है। BBC से बात करते हुए क्लिनिकल मनोवैज्ञानिक डॉ ऊषा वर्मा श्रीवास्तव कहती हैं कि अधिकतर लड़कियों की 18 साल की उम्र में शादी कर दी जाती हैं और उन पर कई पाबंदियां लागू हो जाती हैं। उनकी व्यक्तिगत आजादी एक तरह से छीन जाती है।
मनोचिकित्सक डॉ सौमित्र पाथरे कहते हैं कि जो भारतीय महिलाएं आत्महत्या करती हैं, उनमें से एक तिहाई किसी न किसी समय घरेलू हिंसा की शिकार रही होती है, लेकिन NCRB आंकड़ों में घरेलू हिंसा का जिक्र तक नहीं होता।
डॉ पाथरे कहते हैं कि आंकड़ों में देश की असल तस्वीर उभरकर सामने नहीं आती और असल समस्या कहीं बड़ी है। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कहीं भी आत्महत्याओं की घटनाएं आंकड़ों से 4-20 गुना तक होती है। इस हिसाब से अगर भारत में पिछले साल 1.50 लाख आत्महत्याएं दर्ज की गई हैं तो इसका मतलब है कि असल में यह संख्या छह लाख से अधिक होगी। भारत में आत्महत्याएं कम होने की बजाय बढ़ रही हैं।
भारत में दुनियाभर में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं होती हैं। दुनियाभर में खुदकुशी करने वाले 15 साल से 39 साल के पुरुषों में से एक चौथाई पुरुष, जबकि महिलाओं में से 36 प्रतिशत महिलाएं भारतीय होती हैं। संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक दुनियाभर में आत्महत्या की घटनाओं को एक तिहाई तक कम करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन भारत में पिछले साल इसमें 10 प्रतिशत का इजाफा देखा गया था, जो चिंता का कारण बना हुआ है।
आत्महत्या एक गंभीर समस्या है। अगर आप या आपके जानने वाले किसी भी प्रकार के तनाव से गुजर रहे हैं तो आप नीचे दिये नंबरों पर फोन कर मदद प्राप्त कर सकते हैं। आसरा: यह मुंबई स्थित NGO है, जो परेशान और अवसाद से घिरे लोगों की मदद करता है। हेल्पलाइन नंबर- 91-22- 27546669 स्नेहा इंडिया फाउंडेशन: यह संस्था हफ्ते के सातों दिन 24 घंटे सेवा देती है। हेल्पलाइन नंबर- 91-44-24640050 वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ: हेल्पलाइन नंबर- 18602662345