डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री को नहीं मिली स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण का ट्रायल करने की अनुमति
भारत में एक खुराक वाली कोरोना वायरस वैक्सीन आने की उम्मीदों को झटका लगा है। दरअसल, दवा नियामक संस्था ने हैदराबाद स्थित फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री को स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण का ट्रायल करने की इजाजत नहीं दी है। बता दें कि स्पूतनिक लाइट रूस में बनी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V का एक खुराक वाला वेरिएंट है। इसे तैयार करने वाली कंपनी का कहना है कि यह संंक्रमण के खिलाफ बेहद प्रभावी साबित हुई है।
क्यों नहीं मिली मंजूरी
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने यह कहते हुए डॉ रेड्डीज के आवेदन को ठुकरा दिया कि स्पूतनिक लाइट के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करने का कोई 'वैज्ञानिक कारण' नहीं है।
"स्पूतनिक-V की पहली खुराक है स्पूतनिक लाइट"
इकोनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि स्पूतनिक लाइट और कुछ नहीं सिर्फ स्पूतनिक-V की पहली खुराक है। डॉ रेड्डीज इसकी इम्युनोजेनसिटी (यह वैक्सीन किस हद तक इम्युन सिस्टम को वायरस का सामना करना सीखा सकती है) देखना चाहती है। स्पूतनिक-V के ट्रायल के समय दोनों खुराकों का इम्युनोजेनसिटी डाटा देखा गया था। सूत्रों ने कहा कि एक खुराक का डाटा बहुत प्रभावी नहीं था इसलिए दोबारा इसका ट्रायल करने का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है।
असल दुनिया की परिस्थितियों में वैक्सीन ने दिखाई 79.4 प्रतिशत प्रभावकारिता
RDIF का दावा है कि स्पूतनिक लाइट केवल एक ही खुराक में कोरोना वायरस के खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा देगी। जानकारी के अनुसार, पिछले साल दिसंबर से लेकर इस साल अप्रैल के बीच लोगों को स्पूतनिक लाइट की खुराक दी गई और उसके 28 दिन बाद यह डाटा लिया गया। RDIF का कहना है कि वैक्सीन ने क्लिनिकल ट्रायल की बजाय असल दुनिया की परिस्थितियों में वायरस के खिलाफ 79.4 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है।
28 दिन बाद 91 प्रतिशत लोगों में मिलीं एंटीबॉडीज
कंपनी की तरफ से किए गए ट्वीट में स्पूतनिक लाइट की खास बातों के बारे में बताते हुए लिखा गया है कि इसने लगभग 80 प्रतिशत प्रभावकारिता दिखाई है, जो कई दो खुराकों वाली वैक्सीन से अधिक है। स्पूतनिक लाइट की एक खुराक लेने के 28 दिन बाद 91.7 प्रतिशत लोगों में वायरस को खत्म कर देने वाली एंटीबॉडीज पाई गई थीं। कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन वायरस के मौजूदा सभी म्यूटेंट के खिलाफ प्रभावी है।
लगभग 700 रुपये है खुराक की कीमत
स्पूतनिक लाइट के बारे में कंपनी का दावा है कि जिन लोगों में पहले से वायरस के खिलाफ इम्युनिटी बनी हुई थी, उन सभी के एंटीबॉडी लेवल में 10 दिन बाद 40 गुना बढ़ोतरी देखी गई थी। बता दें कि दो खुराक वाली स्पूतनिक-V की प्रभावकारिता 91 प्रतिशत है। RDIF की तरफ से बताया गया है कि स्पूतनिक लाइट की कीमत 700 रुपये से भी कम है और इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
स्पूतनिक-V को मिल चुकी है मंजूरी
भारत में दो खुराकों वाली वैक्सीन स्पूतनिक-V को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। भारत में डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री ने इसके क्लिनिकल ट्रायल किए थे और यही कंपनी इसका उत्पादन करेगी। भारत में हर साल इसकी 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन किया जाएगा। फिलहाल उत्पादन शुरू न होने के कारण इन्हें रूस से आयात किया जा रहा है और कई लाख खुराकें भारत पहुंच चुकी हैं। कई शहरों में इसका वितरण शुरू हो चुका है।