DCGI ने सनोफी-GSK की वैक्सीन को दी भारत में तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ चलाए जा रहे वैक्सीनेशन अभियान में वैक्सीनों की कमी से जूझ रहे देश के लिए एक और राहत की खबर आई है।
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने फ्रांसीसी फार्मा कंपनी सनोफी और यूनाइटेड किंगडम (UK) की फार्मा कंपनी ग्लैक्सो स्मिथ क्लाइन द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन का भारत में तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल करने की अनुमति दे दी है।
यदि यह सफल होता है तो भारत में इसका उत्पादन किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
दूसरे चरण के ट्रायल में प्रभावी रही थी वैक्सीन
बता दें कि सनोफी-GSK द्वारा विकसित इस वैक्सीन का अमेरिका और होंडुरास में दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल किया गया था। इसमें 18-95 वर्ष के 722 वॉलेंटियरों को शामिल किया गया था।
वैक्सीन ने दोनों खुराकें देने के बाद 95 से 100 प्रतिशत तक सेरोकोनवर्जन दिखाया था। इसके अलावा किसी भी प्रकार की सुरक्षा चिंता सामने नहीं आई थी।
इतना ही नहीं वैक्सीन के उपयोग से सभी आयु समूहों में एक मजबूत इम्यूनिटी विकसित हुई थी।
जानकारी
पहले चरण में बुजुर्गों में कारगर नहीं थी वैक्सीन
बता दें कि वैक्सीन को 2021 की पहली छमाही में रेगुलेटरी अप्रूवल मिलने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन पहले चरण के ट्रायल में यह वैक्सीन बुजुर्गों में एक मजबूत इम्यून सिस्टम विकसित करने में विफल रही थी। इससे मंजूरी में देरी हो गई।
आवेदन
सनोफी-GSK ने जून में किया था ट्रायल की मंजूरी के लिए आवेदन
इंडिया टुडे के अनुसार दूसरे चरण की सफलता के बाद सनोफी-GSK ने वैश्विक स्तर पर तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए DCGI के समक्ष आवेदन किया था।
कंपनी इसके साथ दूसरे चरण के ट्रायल के परिणामों की भी रिपोर्ट भी सौंपी थी। DCGI ने इस रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद अब कंपनी को वैक्सीन के ट्रायल की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही कंपनी ने ट्रायल शुरू करने की तैयारियों को तेज कर दिया है।
बयान
तीसरे चरण के ट्रायल के लिए DCGI से मिल गई हरी झंडी- सनोफी
फार्मा कंपनी सनोफी की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "उसे भारत में उसकी सहायक पुनः संयोजक-प्रोटीन आधारित वैक्सीन को सुरक्षा, प्रभावकारिता और प्रतिरक्षात्मकता की जांच के लिए तीसरे चरण के ट्रायल के लिए DCGI से हरी झंडी मिल गई है।"
कंपनी ने आगे कहा कि यह भारत में किसी भी कोरोना वैक्सीन का पहला वैश्विक ट्रायल होगा। इसके जरिए वैक्सीन की प्रभाविकता पूरी तरह से सबके सामने आ जाएगी।
जानकारी
इन देशों में एकसाथ किया जाएगा ट्रायल
कंपनी के अनुसार वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विभिन्न देशों में एकसाथ किया जाएगा। इसमें सभी देशों के कुल 35,000 वयस्क वॉलेंटियरों को शामिल किया जाएगा। यह अपने आप में बड़ा ट्रायल हो होगा।
बयान
जल्द शुरू किया जाएगा वॉलेंटियरों का पंजीयन- दास
सनोफी पाश्चर इंडिया के प्रमुख अन्नपूर्णा दास ने कहा, "भारत सनोफी पाश्चर द्वारा आयोजित किए जा रहे वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में हिस्सा ले रहा है। इसके लिए वॉलेंटियरों का पंजीयन जल्द ही शुरू किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "जैसा की वायरस के विभिन्न वेरिएंट सामने आ रहे हैं, हम अनुमान लगा रहे हैं कि आने वाले महीनों और सालों में किस तरह की वैक्सीन की जरूरत होगी। इसके आधार पर ही वैक्सीन को तैयार किया गया है।"
वैक्सीन
ट्रायल में शामिल होने वाले वॉलेंटियर लगवा सकते हैं वैक्सीन- दास
दास ने कहा कि क्लिनिकल ट्रायल में हिस्सा लेने वाले वॉलेंटियर यदि चाहें तो पहले किसी भी स्वीकृत वैक्सीन की खुराक लगवा सकते हैं। वॉलेंटियरों के पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद ही उन्हें कंपनी की वैक्सीन लगाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि अभी तक के ट्रायल में वैक्सीन ने कोरोना के विभिन्न वेरिएंट के खिलाफ प्रभाव दिखाया है। तीसरे चरण के ट्रायल में वायरस के अन्य वेरिएंटों पर भी इसके प्रभाव की जांच की जाएगी।