वैक्सीनेशन अभियान: अगस्त-सितंबर में सरकार को 45 करोड़ खुराकें मिलने की उम्मीद
क्या है खबर?
धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे वैक्सीनेशन अभियान के बीच सरकार को उम्मीद है कि अक्टूबर तक उसे 45 करोड़ खुराकें मिल जाएंगी।
सूत्रों ने बताया कि अगस्त में कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-V की 20 करोड़ और सितंबर में 25 करोड़ खुराकें मिलने की उम्मीद है। इस तरह अक्टूबर तक सरकार के पास 45 करोड़ खुराकें आ जाएंगी।
वहीं अक्टूबर में जायडस-कैडिला और बायोलॉजिकल-ई आदि कंपनियों की वैक्सीन को भी हरी झंडी मिल सकती है।
वैक्सीनेशन अभियान
सितंबर में रोजाना लग सकती हैं एक करोड़ खुराकें
न्यूज18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सितंबर तक सरकार रोजाना एक करोड़ खुराकें लगाने का लक्ष्य हासिल कर सकती है। इस महीने से कोवैक्सिन की आपूर्ति में भी सुधार हो जाएगा।
सूत्रों ने बताया कि बायो-ई और जाइडस-कैडिला आदि कंपनियों की वैक्सीन को अक्टूबर तक मंजूरी मिल सकती है। इनमें से कुछ ने अपने जोखिम पर खुराकों का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। ऐसे में मंजूरी मिलते ही आपूर्ति शुरू हो सकेगी।
कोरोना वैक्सीन
विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना चाहता भारत
सरकार को भरोसा है कि दिसंबर तक देश में सभी व्यस्कों को वैक्सीन लग जाएगी और करीब 80 प्रतिशत व्यस्क आबादी पूरी तरह वैक्सीनेट हो चुकी होगी।
सूत्रों ने बताया कि इस काम के लिए भारत सरकार विदेशी कंपनियों पर निर्भर नहीं रहना चाहती। फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन जैसी कंपनियां भारत में वैक्सीन लॉन्च करने से पहले कानूनी सुरक्षा के साथ-साथ कई और शर्तें भी रख रही हैं, जिन पर सरकार सहमत नहीं है।
जानकारी
कोवैक्सिन को इसी महीने WHO की मंजूरी मिलने की उम्मीद
भारत बायोटेक की कोवैक्सिन को इसी महीने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार का कहना है कि यह सभी मानकों पर खरा उतरी है और इसे 15 अगस्त के बाद मंजूरी मिल सकती है।
मुलाकात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मिलेंगे पूनावाला
दूसरी तरफ सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के प्रमुख अदार पूनावाला आज दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात करेंगे।
बताया जा रहा है कि सरकार SII द्वारा की जा रही वैक्सीन आपूर्ति से खुश है। पिछले महीने कंपनी ने सरकार की तरफ से दिए गए ऑर्डर से अधिक खुराकें मुहैया कराई हैं।
गौरतलब है कि SII की कोविशील्ड का देश के वैक्सीनेशन अभियान में प्रमुखता से इस्तेमाल हो रहा है।
बदलाव
निजी अस्पतालों के लिए कोटा रखने की जरूरत नहीं
सरकार ने हाल ही में वैक्सीन नीति में बड़ा बदलाव किया है। अब वैक्सीन निर्माता कंपनियों को निजी अस्पतालों के लिए उत्पादन का 25 प्रतिशत स्टॉक रखने की जरूरत नहीं है।
ये कंपनियां निजी अस्पतालों की जरूरत के अनुसार उन्हें आपूर्ति दे सकती हैं और उस स्टॉक से बची खुराकें सरकार को मुहैया करवा सकती हैं।
निजी अस्पतालों की तरफ से मिल रही कमजोर प्रतिक्रिया के चलते यह बदलाव किया गया है।
वैक्सीनेशन अभियान
कम हो सकता है कोविशील्ड की खुराकों के बीच का अंतराल
कोरोना वायरस वैक्सीन कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल को एक बार फिर से कम किया जा सकता है।
केंद्र सरकार 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए दो खुराकों के बीच अंतराल को कम करने पर विचार कर रही है।
कोविड-19 वर्किग ग्रुप के चेयरमैन डॉ एनके अरोड़ा ने एक इंटरव्यू में बताया कि आने वाले दो से चार हफ्तों में ये फैसला लिया जा सकता है।