जम्मू-कश्मीर: आतंक विरोधी अभियान के दौरान सैन्य अधिकारी समेत चार जवान शहीद, तीन आतंकी ढेर
क्या है खबर?
जम्मू-कश्मीर के माछिल सेक्टर में रविवार को एक आतंक विरोधी अभियान के दौरान भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत कुल चार जवान शहीद हो गए। शहीद जवानों में सीमा सुरक्षा बल (BSF) का एक जवान भी शामिल है।
इस अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने भी तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। कल रात से चल रहा ये अभियान अभी भी जारी है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया है।
घुसपैठ
घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे आतंकी
सेना के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने अपने बयान में बताया कि शनिवार और रविवार के बीच की रात में सेना और BSF ने माछिल सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर कुछ संदिग्ध गतिविधियां देखीं और इसके बाद घुसपैठ की कोशिश कर रहे आतंकियों के खिलाफ अभियान चलाया गया।
सुबह करीब 4 बजे ये मुठभेड़ बंद हो गई, लेकिन 10:20 बजे आतंकियों के फिर से दिखने के बाद मुठभेड़ दोबारा शुरू हो गई।
शहीद
दोबारा हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवान और अधिकारी
दोबारा हुई इस मुठभेड़ के दौरान सेना और BSF ने तीन आतंकियों को मार गिराने में सफलता तो पाई, लेकिन उन्हें अपना चार साथियों को खोना पड़ा।
मुठभेड़ में सेना के एक अधिकारी और दो सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। इसके अलावा BSF का एक जवान भी शहीद हो गया। शहीद BSF कांस्टेबल का नाम सुदीप सरकार है। दो सैनिक घायल भी हुए हैं और उनका इलाज चल रहा है।
जानकारी
मौके पर पहुंचे अतिरिक्त सुरक्षा बल, मुठभेड़ अभी भी जारी
BSF और सेना दोनों ने अपने बयान में बताया कि मुठभेड़ अभी भी जारी है और अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मौके पर भेजा गया है। मुठभेड़ का स्थान LoC से डेढ़ किलोमीटर अंदर बताया जा रहा है।
आतंक विरोधी अभियान
इस साल 200 से अधिक आतंकियों को ढेर कर चुकी है सेना
बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद इस साल जम्मू-कश्मीर में आतंकी वारदातें और घुसपैठ की कोशिशें बढ़ी हैं, हालांकि सेना ने भी इन नापाक कोशिशों का मुंहतोड़ जबाव दिया है।
सेनी की इसी मुस्तैदी का नतीजा है कि इस साल के पहले 10 महीनों (अक्टूबर तक) में अब तक 200 से अधिक आतंकी ढेर किए जा चुके हैं, जबकि इससे पहले 2019 के पूरे 12 महीनों में 157 आतंकियों को ढेर किया गया था।
आंकड़े
मुठभेड़ों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे अधिक आतंकी ढेर
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस साल मारे गए आतंकियों में हिजबुल मुजाहिद्दीन के सबसे ज्यादा 72 , लश्कर-ए-तैयबा के 59, जैश-ए-मोहम्मद के 37 और अन्य आतंकी संगठनों के 32 आतंकवादी शामिल रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, जून में सुरक्षा बलों ने एक महीने में सर्वाधिक 49 आतंकियों को मारा था। यह संख्या पिछली साल की तुलना में दोगुनी है। सर्वाधिक मुठभेड़ दक्षिण कश्मीर में हुईं है और यहां कुल 138 आंतकवादी ढेर किए गए हैं।
बड़ी सफलता
1 नवंबर को सेना ने ढेर किया था हिजबुल मुजाहिद्दीन का शीर्ष कमांडर
इस महीने की पहली तारीख को ही सेना को एक बड़ी कामयाबी मिली थी और पुलवामा के मंगलपुरा में हुई एक मुठभेड़ में उसने हिजबुल मुजाहिद्दीन के शीर्ष डॉ सैफुल्लाह को मार गिराया था।
सैफुल्लाह कश्मीर में सक्रिय सबसे पुराने आतंकवादियों में से एक था और रियाज अहमद नाइकू के मारे जाने के बाद इस साल मई में ही उसने हिजबुल की बागडोर संभाली थी। हाल ही में हुई भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं में भी उसका हाथ था।