समझौते के बाद भी पीछे नहीं हट रहा चीन, लद्दाख सीमा पर तैनात 40,000 सैनिक- रिपोर्ट्स
क्या है खबर?
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत के साथ चल रहे तनाव को कम करने के मूड में नजर नहीं आ रही है।
यही कारण है कि 14 जुलाई को दोनों देशों के बीच हुई कोर कमांडर स्तर की चौथी बातचीत में स्थिति को सामान्य करने पर सहमति बनने के बाद भी उसने पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपने अग्रिम और गहराई वाले मार्चों पर 40,000 से अधिक सैनिकों की तैनाती को बरकरार रखा है।
तनाव
सबसे पहले जानें कहां-कहां था LAC पर तनाव
मई के पहले हफ्ते में आक्रामक रुख अपनाते हुए चीनी सैनिक पूर्वी लद्दाख में LAC पर चार जगहों पर आगे आ गए थे।
इनमें पेंगोंग झील के पास स्थित फिंगर्स एरिया, गलवान घाटी (PP14), हॉट स्प्रिंग (PP15) और गोगरा (PP17A) शामिल थे।
फिंगर्स एरिया और गलवान में चीनी सैनिकों के भारतीय इलाके में दाखिल होने की रिपोर्ट्स थीं। इस दौरान गलवान में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों में झड़प भी हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए।
स्थिति
LAC पर वर्तमान में यह है चीन की स्थिति
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार चीन LAC पर तनाव वाले क्षेत्रों में स्थिति को सामान्य करने के समझौते का सम्मान नहीं कर रहा है और उसने शर्तों के अनुसार सेना को पीछे नहीं हटाया है।
सूत्रों के अनुसार चीन ने स्थिति को सामान्य बनाने की कोई पहल नहीं की है। उसने अभी तक पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपने अग्रिम और गहराई वाले मार्चों पर वायुसेना और तोपों के साथ 40,000 सैनिक तैनात कर रखे हैं।
मनमानी
फिंगर पांच से पीछे हटने को तैयार नहीं है चीनी सेना
सूत्रों की मानें तो चीन की सेना पहले फेज के बाद एक कदम भी पीछे नहीं हटी है। पहले फेज में गलवान घाटी, हॉट स्प्रिंग गोगरा से 1 से 2 किलोमीटर तक चीन और भारतीय सेना पीछे हट गई थी।
यही नहीं पैंगोंग झील से भी चीन ने अपनी सेना को फिंगर 4 से फिंगर 5 तक पीछे कर दिया था, लेकिन उसके बाद चीन की सेना एक भी कदम पीछे की ओर नहीं बढ़ाया है।
जानकारी
फिंगर पांच क्षेत्र में एक पोस्ट बनाना चाहता है चीन
सूत्रों के अनुसार चीनी सेना फिंगर पांच से पीछे हटने की जगह सीरीजाप में अपने स्थाई स्थान की ओर वापस लौट रही है। इसका प्रमुख कारण यह है कि चीनी सेना फिंगर पांच क्षेत्र पर निगरानी के लिए वहां एक पोस्ट बनाना चाहती है।
निर्माण
हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट क्षेत्रों में किया निर्माण कार्य
TOI के अनुसार चीनी सेना की हिमाकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उसने भारत के साथ सबसे अधिक विवाद के क्षेत्र रहे हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा पोस्ट पर भारी मात्रा में इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया है।
इन दोनों क्षेत्रों को लेकर चीन का तर्क है कि भारत सीमा के किनारे अपने स्थायी स्थानों पर पीछे हटने के बाद रणनीतिक ऊंचाई पर कब्जा कर सकता है। ऐसे में दोनो के बीच विवाद थमता नजर नहीं आ रहा।
बैठक
चीन के साथ हुई चौथी बैठक में यह हुआ था निर्णय
गत 14-15 जुलाई को कोर कमांडर-स्तर के अधिकारियों के बीच हुई चौथी और आखिरी बैठक में सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष अब तनाव को कम करने के लिए काम करेंगे और अगले कुछ दिनों में अपनी सेना को विवादित क्षेत्र से पीछे हटाएंगे।
चीनी पक्ष के साथ बातचीत के दौरान यह स्पष्ट कर दिया था कि इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने और दोनों पक्षों की संतुष्टि के लिए दोनों पक्षों को अपने मूल स्थानों पर लौटना होगा।
परिणाम
NSA अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बातचीत के बाद बदली थी स्थिति
दोनों देशों की सेनाएं मई से ही आमने-सामने बने हुई थी और 15 जून की झड़प ने तनाव को और बढ़ा दिया।
इस बीच दोनों देशों के बीच कई बार सैन्य बातचीत भी हुईं और इनमें सेनाएं पीछे हटाने पर सहमति भी बनी, लेकिन जमीनी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया।
असली बदलाव 5 जुलाई को NSA अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री की बातचीत के बाद आया, जिसमें सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बनी थी।