जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफे के बाद मुर्मु बने नए CAG
क्या है खबर?
बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा देने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू को देश का नया नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) नियुक्त किया गया है। वह इस हफ्ते रिटायर हो रहे राजीव महर्षि की जगह लेंगे।
केंद्र सरकार ने गुरूवार को मुर्मू की नियुक्ति का आदेश जारी किया और वह शनिवार को राष्ट्रपति भवन में CAG के पद की शपथ लेंगे। उन्हें CAG बनाए जाने के कयास पहले से ही लगाए जा रहे थे।
रिटायरमेंट
इस हफ्ते रिटायर हो रहे हैं राजीव महर्षि
CAG एक संवैधानिक पद है और यह भारत सरकार की सभी परियोजनाओं और खर्चे का ऑडिट करता है। राजीव महर्षि पिछले तीन साल से इस पद पर तैनात थे और उन्होंने शशिकांत शर्मा का स्थान लिया था।
यूं तो CAG का कार्यकाल छह साल का होता है, लेकिन अगर छह होने से पहले इस पद पर तैनात व्यक्ति की उम्र 65 साल हो जाती है तो वह रिटायर हो जाता है। महर्षि इस हफ्ते 65 साल के हो रहे हैं।
बयान
इसलिए जल्दबाजी में है सरकार
कैबिनेट सचिवालय में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी ने मामले पर बात करते हुए 'NDTV' से कहा, "राजीव महर्षि 8 अगस्त को 65 साल के हो रहे हैं। इसलिए सरकार उनका उत्तराधिकारी ढूढ़ने की जल्दबाजी में है।"
परिचय
प्रधानमंत्री मोदी के करीबी हैं मुर्मू
1985 बैच के गुजरात कैडर के IAS अधिकारी 60 वर्षीय मुर्मू की बात करें तो उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है। जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब मुर्मू ने उनके प्रधान सचिव के तौर पर काम किया था। वह वित्त मंत्रालय में सचिव रह चुके हैं।
31 अक्टूबर को जब जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला आधिकारिक तौर पर लागू हुआ, तब मुर्मू को यहां का पहला उपराज्यपाल घोषित किया गया।
इस्तीफा
बुधवार को मुर्मू ने दिया उपराज्यपाल पद से इस्तीफा
मुर्मू ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल के पद से इस्तीफा दे दिया था। बुधवार को ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले को एक साल हुआ था और इसी दिन मुर्मू के इस्तीफे के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है।
उनकी जगह मनोज सिन्हा को जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल बनाया गया है जो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रेल राज्यमंत्री रह चुके हैं।
शक्तिशाली
बेहद शक्तिशाली होता है CAG का पद
बता दें कि CAG का पद एक बेहद शक्तिशाली पद होता है। कोई भी व्यक्ति शायद ही UPA सरकार के तथाकथित 2G घोटाले को भूला होगा जिसमें 1.76 लाख करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया गया था। इस घोटाले का खुलासा तत्कालीन CAG विनोद राय ने किया था।
इस घोटाले और ऐसे ही अन्य घोटालों के खुलासे को 2014 में कांग्रेस की हार का एक कारण माना जाता है। हालांकि CAG की ये रिपोर्ट कोर्ट में नहीं टिकी थी।