दिल्ली वालों को लॉकडाउन में फिलहाल कोई छूट नहीं, केजरीवाल बोले- हफ्ते बाद करेंगे समीक्षा
दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने फिलहाल लॉकडाउन में कोई भी छूट देने नहीं देने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि एक हफ्ते बाद स्थिति की फिर से समीक्षा की जाएगी और समीक्षा के हिसाब से फैसला लिया जाएगा। बता दें कि दिल्ली में सभी जिले कोरोना वायरस की रेड जोन में हैं और शहर में कई जगह कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बनी हुई हैं।
दिल्ली में देश की दो प्रतिशत आबादी, 12 प्रतिशत केस- केजरीवाल
प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए केजरीवाल ने कहा कि देश की लगभग दो प्रतिशत आबादी दिल्ली में रहती हैं जहां अब तक देश के 12 प्रतिशत कोरोना वायरस मामले आए हैं। उन्होंने कहा, "केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार, वे इलाके जो कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हुए हैं, वहां 20 अप्रैल यानि कल से लॉकडाउन में छूट दी जा सकती है। हालांकि, कंटेनमेंट जोन में पाबंदियों में छूट नहीं दी जा सकती।"
"टेस्टिंग बढ़ाने के बाद मामलों में आई तेजी"
केजरीवाल ने आगे कहा, "दिल्ली में 11 जिले हैं.... वे सभी हॉटस्पॉट हैं। टेस्टिंग बढ़ाने के बाद पिछले कुछ दिनों में शहर में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है।"
"लॉकडाउन हटाने पर बेड और वेंटीलेटर्स कम पड़ गए तो क्या करेंगे?"
लॉकडाउन में छूट न देने के फैसले को समझाते हुए केजरीवाल ने कहा, "मैं बच्चों के स्कूल न जाने, लोगों के आजीविका न कमा पाने से से चिंतित हूं। लेकिन अगर हम लॉकडाउन में छूट देते हैं और अस्पतालों में बेड, वेंटीलेटर्स की कमी हो जाती है... तब हम क्या करेंगे? इसलिए अभी हमने लॉकडाउन में कोई छूट न देने का फैसला लिया है।" इसके लिए उन्होंने यूरोपीय देशों का उदाहरण दिया जहां बेड और वेंटीलेटर्स कम पड़ गए थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी 20 अप्रैल से लॉकडाउन में छूट की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने का ऐलान करते हुए कहा था कि 20 अप्रैल को समीक्षा के बाद जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामले बेहद कम हैं, वहां शर्तों के साथ लॉकडाउन में कुछ छूट दी जाएगी। सभी राज्य अपने स्तर पर ऐसा इलाकों की सूची बना रहे हैं और दिल्ली सरकार ने शहर की स्थिति देखने के बाद ही फिलहाल लॉकडाउन में कोई छूट न देने का फैसला लिया है।
दिल्ली में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
राजधानी दिल्ली में अब तक कोरोना वायरस के 1,893 मामले सामने आए हैं जिनमें से 42 मरीजों की मौत हुई है। मरने वालों में 45 दिन का एक नवजात शिशु भी शामिल है जिसने शनिवार को यहां के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह भारत में कोरोना वायरस की सबसे कम उम्र की शिकार है। दिल्ली में जो कोरोना वायरस के मामले सामने आए हैं उनमें लगभग दो-तिहाई तबलीगी जमात से संबंधित हैं।
क्या कर रही है दिल्ली सरकार?
दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए आक्रामक रणनीति अपनाई है। सरकार ने 5-T पहल शुरू की है जिसके तहत टेस्टिंग, ट्रैसिंग, ट्रीटमेंट, टीम वर्क और ट्रैकिंग जोर दिया जाएगा। इसके अलावा 'ऑपरेशन SHIELD' भी लॉन्च किया गया है। शहर के 76 इलाकों को अब तक कंटेनमेंट जोन घोषित किया जा चुका है और उन्हें सील करके कोरोना को फैलने से रोकने का प्रयास चल रहा है।