जल संकट के बीच प्रधानमंत्री मोदी का ग्राम प्रधानों को पत्र, वर्षा जल संरक्षण का अनुरोध
देश में गहराते जल संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्राम प्रधानों को पत्र लिखते हुए उनसे मानसून में वर्षा जल का संरक्षण करने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर वाले पत्रों को जिलों के संबंधित जिलाधिकारियों ने खुद अपने हाथों से ग्राम प्रधानों तक पहुंचाया है। गांवों में प्रधानमंत्री के इन पत्रों पर जमकर चर्चा हो रही है और ये लोगों में जल संरक्षण को लेकर जागरुकता पैदा करने में सफल रहे हैं।
एक पन्ने का है प्रधानमंत्री मोदी का पत्र
प्रधानमंत्री मोदी का पत्र एक पन्ने का है। हिंदी में लिखे इस पत्र में उन्होंने लिखा है, "प्रिय सरपंचजी, नमस्कार। मुझे उम्मीद है कि आप और पंचायत के मेरे सभी भाई और बहनें पूरी तरह स्वस्थ होंगे। बारिश का मौसम शुरू होने वाला है। हम ईश्वर के आभारी हैं कि हमें पर्याप्त वर्षाजल का आशीर्वाद मिला है। हमें इस आशीर्वाद (जल) के संरक्षण के लिए हरसंभव प्रयास और व्यवस्था करनी चाहिए।"
ग्राम सभा की बैठक में पत्र पढ़ने को कहा
प्रधानमंत्री मोदी ने पत्र में ग्राम प्रधानों से विशेष अनुरोध करते हुए ग्राम सभा की एक बैठक बुलाने और बैठक में उनके इस संदेश को पढ़ने को कहा है। इसमें लिखा है, "गांव में इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है। मुझे आप सभी पर भरोसा है कि बारिश के पानी की हर बूंद को बचाने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।" उन्होंने चेक डैम और तालाबों के निर्माण का सुझाव दिया है।
अमरोहा में 775 तालाब बनाने की योजना तैयार
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अमरोहा के जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने जिले के सभी 601 ग्राम प्रधानों को अपने हाथों से पत्र सौंपा। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में 775 तालाब बनाने की योजना भी बना ली है, जिनमें से 500 पर कार्य भी शुरू हो चुका है। बता दें कि कभी मुरादाबाद का हिस्सा रहे अमरोहा को यूपी के सबसे उपजाऊ जिलों में से एक माना जाता है और यहां हर साल प्रचुर मात्रा में बारिश होती है।
सोनभद्र के प्रधानों को भी पहुंचा पत्र
वहीं, प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी के पास स्थित सोनभद्र में 637 ग्राम प्रधानों को पत्र पहुंच चुका है। ग्राम प्रधानों को व्यक्तिगत प्रयासों के जरिए ग्रामीणों को बारिश के पानी के संरक्षण के लिए उत्साहित करने को कहा है।
नीति आयोग की बैठक में भी उठेगा मुद्दा
आज नीति आयोग की बैठक में भी प्रधानमंत्री मोदी देश के ग्रामीण इलाकों में चल रहे जल संकट से निपटने में वर्षा जल के संरक्षण की जरूरत का महत्व बताएंगे। इससे पहले नए जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में देश में जल संकट की समीक्षा के लिए सभी राज्यों के मंत्रियों के साथ बैठक की थी। बता दें कि लेट होते मानसून के बीच देश के कई इलाके सूखे और जल संकट का सामना कर रहे हैं।