उत्तर प्रदेश: वैक्सीन न लगवाई तो इटावा में नहीं मिलेगी शराब, फिरोजाबाद में अटकेगा वेतन
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए अधिकारी नए-नए तरीके खोज रहे हैं। यहां के इटावा जिले में अधिकारियों ने शराब विक्रेताओं से उन लोगों को शराब न देने को कहा है, जिन्होंने अभी तक वैक्सीन नहीं लगवाई है। इटावा के SDM हेम सिंह ने कहा कि शराब विक्रेताओं को 45 साल से अधिक उम्र के केवल उन्हीं लोगों को शराब बेचने को कहा गया है, जिनके पास वैक्सीन लगवाने के बाद मिलने वाला कार्ड है।
शराब के ठेके से वापस भेजे गए लोग
डेक्कन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, SDM सिंह ने शनिवार को इटावा के कई शराब के ठेकों का निरीक्षण किया था। इस दौरान उन्होंने शराब लेने के लिए खड़े उन लोगों को वापस भेज दिया, जिन्होंने अब तक वैक्सीन नहीं लगवाई थी। सिंह ने कहा कि वो लगातार जांच कर रहे हैं कि शराब विक्रेता इस आदेश का पालन कर रहे हैं या नहीं। बाद में सिंह ने कहा उन्होंने इसके पालन के लिए केवल अपील की है।
फिरोजाबाद में वैक्सीन नहीं तो वेतन नहीं
इटावा के पास ही स्थित फिरोजाबाद जिले में प्रशासन ने कहा है कि केवल उन्हीं कर्मचारियों को मई महीने का वेतन दिया जाएगा, जिन्होंने वैक्सीन लगवाई है। फिरोजाबाद के जिला अधिकारी चंद्र विजय सिंह की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है तो सबसे पहले वैक्सीन लगवाए। इसके बाद उन्हें इसका प्रमाण पत्र ट्रेजरी ऑफिस में जमा करना होगा। ऐसा न करने पर कर्मचारी का वेतन नहीं निकलेगा।
जिलाधिकारी ने आदेश के पीछे बताई यह वजह
सिंह का कहना है कि बहुत लोगों ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया है। इस वजह से यह आदेश जारी किया गया है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि प्रशासन के पास सभी कर्मचारियों को लगाने के लिए वैक्सीन उपलब्ध है या नहीं।
छत्तीसगढ़ में भी जारी हुआ ऐसा आदेश
इसी तरह का एक आदेश छत्तीसगढ़ में भी जारी हुआ था। यहां भी कर्मचारियों पर वैक्सीन लेने का दबाव बनाने के लिए वेतन रोकने की धमकी दी गई थी। दरअसल, छत्तीसगढ़ में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में आदिवासी कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त ने अपने अधीन आने वाले कर्मचारियों को वैक्सीन लगवाने और इसका प्रमाण पत्र जमा करने के आदेश दिए थे। यदि कर्मचारी ऐसा नहीं करते हैं तो उनका वेतन रोकने का आदेश दिया गया है।
देश में स्वैच्छिक है वैक्सीन लगवाना
जानकारी के लिए बता दें कि भारत में वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है। वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत से पहले सरकार की तरफ से कहा गया था कि वैक्सीन लगवाना पूरी तरह स्वैच्छिक है और इसे अनिवार्य नहीं किया गया है। वैक्सीन लगवाना या न लगवाना पूरी तरह से लोगों पर निर्भर है। हालांकि, सरकार और विशेषज्ञों ने अधिक से अधिक मात्रा में लोगों से वैक्सीन लगवाने की अपील की है ताकि कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।
देश में क्या है वैक्सीनेशन अभियान की स्थिति?
देश में चल रहे वैक्सीनेशन अभियान की बात करें तो अब तक वैक्सीन की 21,20,66,614 खुराकें लगाई गईं हैं। बीते दिन 30,35,749 खुराकें लगाई गईं। अगले महीने देश में वैक्सीनेशन के लिए लगभग 12 करोड़ खुराकें उपलब्ध होंगी।