वैक्सीन लगवाने के बाद कितने समय रहती है इम्युनिटी और क्या तीसरी खुराक की जरूरत पड़ेगी?
क्या है खबर?
दुनियाभर में वैज्ञानिक इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि कोरोना वायरस से ठीक होने वाले और वैक्सीन लगवा चुके व्यक्ति में कितने वक्त तक इस महामारी के खिलाफ इम्युनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) रहती है।
यह भी पता लगाने की कोशिश हो रही है कि क्या इम्युनिटी के लिए वैक्सीन की तीसरी खुराक (बूस्टर शॉट) की जरूरत पड़ेगी।
अभी तक इस दिशा में कुछ ठोस जानकारी नहीं मिली है, लेकिन कुछ शुरुआती संकेत सामने आने लगे हैं।
वैक्सीनेशन
तीसरी खुराक के समय को लेकर स्थिति साफ नहीं
अभी तक की जानकारी के आधार पर कहा जा रहा है कि वैक्सीन लगवाने के कुछ समय बाद तीसरी खुराक (एंटीबॉडीज बढ़ाने के लिए वैक्सीन की खुराक) की जरूरत पड़ेगी, लेकिन इसकी जरूरत कब होगी, यह अब तक साफ नहीं है।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से जुड़े डॉ पीटर मार्क्स ने कहा, "तीसरी खुराक की जरूरत पड़ेगी। मेरे ख्याल से एक साधारण व्यस्क के लिए वैक्सीन लगवाने के एक साल बाद यह खुराक लेनी पड़ सकती है।"
जानकारी
एंटीबॉडीज से लगाया जाता है इम्युनिटी का पता
किसी बीमारी के खिलाफ इम्युनिटी वैक्सीन या उस बीमारी से ठीक होने के बाद हासिल की जा सकती है।
दरअसल, वैक्सीनेशन या बीमारी से ठीक होने के बाद इंसान के शरीर में उस बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडीज बन जाती हैं, जो व्यक्ति को दोबारा बीमार होने से बचाती हैं।
आमतौर पर इम्युनिटी को एंटीबॉडीज की मौजूदगी से मापा जाता है, लेकिन किसी बीमारी से लड़ने के लिए शरीर में एंटीबॉडीज के साथ-साथ टी-सेल्स आदि भी जरूरी होती हैं।
कोरोना वैक्सीन
इम्युनिटी को लेकर अध्ययन कर रहीं कंपनियां
फाइजर और मॉडर्ना समेत वैक्सीन बनाने वाली कई कंपनियां तीसरी खुराक के संभावित इस्तेमाल को लेकर जांच-पड़ताल में जुटी हुई हैं।
ये कंपनियां इस बात का अध्ययन कर रही हैं कि क्या वैक्सीन से मिली इम्युनिटी कुछ समय बाद गायब हो जाएगी और क्या उनकी वैक्सीन कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने में कामयाब रहेंगी।
इसलिए वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी नए वेरिएंट्स के खिलाफ सुरक्षा के लिए तीसरी खुराक लेनी पड़ सकती है।
वैक्सीनेशन
कई बीमारियों के लिए पड़ती है बूस्टर शॉट की जरूरत
अगर कोरोना के खिलाफ तीसरी खुराक की जरूरत पड़ती है तो यह वैसा ही होगा, जैसे हर 10 साल बाद टेटनस का टीका लगवाने की सलाह दी जाती है। या किन्हीं दूसरी बीमारियों से बचाव के लिए हर साल टीके लगवाए जाते हैं।
खसरा और स्मॉलपॉक्स के लिए बनाई गईं वैक्सीन जिंदगीभर की सुरक्षा देती हैं, लेकिन इंफ्लूएंजा और कोरोना वायरस के मामले में ऐसा नहीं होता। इनमें लगातार होने वाले म्यूटेशन इसकी बड़ी वजह है।
जानकारी
इंफ्लूएंजा बनकर रहा कोरोना तो क्या होगा?
यह भी कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस इंफ्लूएंजा बनकर रह जाएगा। अगर ऐसा होता है तो हर साल नई वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी क्योंकि अलग-अलग जगहों पर फैलने वाले वेरिएंट्स जल्दी-जल्दी म्यूटेंट होंगे और वैक्सीन से मिली इम्युनिटी भी जल्दी कमजोर हो जाएगी।
इम्युनिटी
वैक्सीन से कितने समय मिल सकती है सुरक्षा?
कई कोरोना वायरस वैक्सीन्स के इंसानी ट्रायल में सामने आया था कि वो संक्रमण के खिलाफ नौ महीने से अधिक समय तक सुरक्षा दे सकती हैं।
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन से मिली इम्युनिटी ज्यादा समय तक रहेगी और इसका आकलन करने के लिए अभी और वक्त की जरूरत है।
दूसरी तरफ संक्रमण से ठीक होने के बाद मिलने वाली इम्युनिटी के समय को लेकर वैक्सीन के ट्रायल के पहले से अध्ययन चल रहा है।
जानकारी
नैचुरल इम्युनिटी को लेकर क्या जानकारी है?
इसी सप्ताह आए दो अध्ययनों के नतीजों से सामने आया है कि संक्रमण से ठीक होने के बाद इम्युनिटी लगभग एक साल तक रह सकती है। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं निकाला जाना चाहिए कि इस बीच वैक्सीन लगवाने की जरूरत नहीं है।
जानकारी
लगभग एक साल तक रहती है नैचुरल इम्युनिटी
बीते सोमवार को नैचर जर्नल में छपे एक अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की बोन मेरो में मौजूद इम्युन सेल्स में लंबे समय (लगभग 11-12 महीने) तक संक्रमण की 'मेमोरी' रह सकती है।
इसी तरह EClinicalMedicine जर्नल में प्रकाशित एक और अध्ययन में पता चला है कि महामारी को हराकर ठीक होने वाले व्यक्तियों में 10 महीने बाद भी कोरोना के खिलाफ बनी एंटीबॉडीज पाई गई थीं।
जानकारी
कोरोना से ठीक होने वालों के लिए वैक्सीन अधिक कारगर
जानकारों का कहना है कि अध्ययन के नतीजों से यह नहीं समझना चाहिए कि कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को वैक्सीन लगवाने की जरूरत नहीं है बल्कि ऐसे लोगों के लिए वैक्सीन लगवाना ज्यादा कारगर है। वैक्सीन की वजह से उनका इम्युनिटी और मजबूत हो जाएगी।
उनका कहना है कि कुछ लोग उम्र या दूसरी वजहों से मजबूत इम्युनिटी हासिल नहीं कर पाते तो उनके लिए भविष्य में दूसरों से अलग बूस्टर शॉट शेड्यूल की जरूरत पड़ सकती है।
कोरोना वैक्सीन
भारत में भी तीसरी खुराक पर किया जा रहा विचार
इसी सप्ताह भारत सरकार ने कहा था कि वो तीसरी खुराक पर विचार कर रही है।
देश की कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख और नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा था कि कोई भी वैक्सीन कोरोना संक्रमण से 100 प्रतिशत सुरक्षा नहीं दे सकती। इसलिए वायरस के खिलाफ सुरक्षा बढ़ाने के लिए बूस्टर शॉट की जरूरत को लेकर ट्रायल हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर लोगों को इस बारे में जानकारी दे दी जाएगी।