स्मृति ईरानी के पत्रकार को धमकाने पर भारतीय प्रेस क्लब का बयान, जानें क्या कहा
भारतीय प्रेस क्लब (PCI) ने हाल ही में पत्रकारों के साथ हुई कुछ घटनाओं को लेकर चिंता जताते हुए बुधवार को एक बयान जारी किया। पत्र में अमेठी दौरे पर गईं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और केरल में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) से संबंधित मामलों का जिक्र किया गया है। उन्होंने दोनों ही मामलों में राजनीतिक नेताओं और पार्टियों द्वारा पत्रकारों को डराने-धमकाने वाला रवैया बताया। PCI ने कहा कि ऐसी घटनाएं प्रेस की आजादी के खिलाफ हैं।
राजनेताओं के कृत्य प्रेस की स्वतंत्रता को कम करने के बराबर- PCI
PCI ने बयान जारी कर इसे दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय बताते हुए कहा कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य का निर्वहन करते समय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, ऐसे में राजनेताओं द्वारा इस तरह के कृत्य प्रेस की स्वतंत्रता को कम करने के बराबर हैं। बयान में कहा गया, "नेताओं से सवाल पूछकर पत्रकार अपना कर्तव्य निभा रहा है। उन्हें किसी पार्टी या पदाधिकारी द्वारा धमकी या उत्पीड़न का सामना नहीं करना चाहिए। यह घटनाएं लोकतांत्रिक सिद्धांतों के मूल्यों के खिलाफ हैं।"
क्या है मामला?
PCI ने पत्र में 2 घटनाओं का जिक्र किया है, जिसमें पहली घटना केरल में 10 जून की है। यहां एक वरिष्ठ महिला पत्रकार पर SFI के छात्रनेता को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए उन पर मुकदमा दर्ज कराया गया था। दूसरी घटना उत्तर प्रदेश के अमेठी की है। यहां एक पत्रकार ने स्मृति ईरानी से सवाल पूछा था, जिससे वह काफी नाराज हो गईं और नौकरी से निकलवाने की धमकी दी। बाद में पत्रकार की नौकरी चली गई।