केरल में फिर लौटा निपाह वायरस, अस्पताल में भर्ती 12 वर्षीय लड़के की मौत
कोरोना संक्रमण की तेज रफ्तार का सामना कर रहे केरल में अब निपाह वायरस ने भी दस्तक दे दी है। कोझीकोड के एक अस्पताल में निपाह वायरस के लक्षणों के साथ भर्ती कराए गए 12 वर्षीय लड़के की रविवार सुबह मौत हो गई। उसके संपर्क में आए लोगों में अभी तक निपाह के लक्षण नहीं देखे गए हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग उनकी निगरानी रख रहा है। शनिवार देर रात स्वास्थ्य अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक भी की थी।
1 सितंबर को अस्पताल में लाया गया था मरीज
चट्टमंगलम पंचायत के चूलुर इलाके में रहने वाले लड़के को 1 सितंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके सैंपल नेशलन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की अलप्पुझा लैब में भेजे गए थे, जहां उसमें निपाह वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई।
राज्य सरकार ने देर रात बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
निपाह वायरस के कारण मौत की खबर मिलने के बाद राज्य सरकार सतर्क हो गई है। शनिवार देर बुलाई गई स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक में आगे उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई। केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने कहा, "योजना बना ली गई है। हमारे पास 2018 का अनुभव है। हमने स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक कर जरूरी कदमों पर विचार किया है, जिन्हें उठाए जाने की जरूरत है।"
2018 में निपाह के कारण केरल में हुई थी 17 मौतें
केरल में पहली बार 2018 में निपाह वायरस का मामला सामना आया था। उस समय मलाप्पुरम और कोझीकोड जिले में फैले निपाह संक्रमण के कारण 17 लोगों की मौत हुई थी। कोच्चि में साल 2019 में इसका आखिरी मामला सामने आया था।
केंद्र ने रवाना की टीम
केरल में निपाह संक्रमण का पता चलने के बाद केंद्र सरकार ने एक टीम को रवाना किया है। यह आज शाम तक केरल पहुंच जाएगी। निपाह के खिलाफ लड़ाई में तकनीकी मदद के लिए केंद्र ने राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) की टीम को केरल भेजा है। साथ ही केंद्र ने राज्य सरकार को निपाह के सक्रिय मामलों की खोज, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, संपर्क में आए और लक्षण वाले लोगों को क्वारंटीन करने और टेस्टिंग के सुझाव दिए हैं।
कैसे फैलता है निपाह वायरस?
निपाह वायरस मुख्यत: चमगादड़ों से इंसानों में फैलता है। दरअसल, चमगादड़ फल खाते समय अपनी लार फलों पर छोड़ देते हैं। जब ये फल इंसान या कोई जानवर खा लेता है तो उसके संक्रमित होने के आसार बढ़ जाते हैं। इसका सबसे पहला मामला इंडोनेशिया के एक गांव में मिला था, जिसके आधार पर इसका नाम निपाह वायरस पड़ा था। इंडोनेशिया और भारत के अलावा बांग्लादेश और सिंगापुर आदि देशों में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं।
इसके लक्षण क्या हैं?
निपाह वायरस दिमाग पर बहुत असर डालता है और नाडियों में सूजन, सिरदर्द, उल्टी आना और बेहोशी इसके मुख्य लक्षण हैं। इसके इलाज के न तो कोई दवा उपलब्ध है और न ही कोई वैक्सीन बन पाई है। निपाह से बचाव के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है। दूषित फलों, खासकर दूषित खजूर को खाने से बचें, खाने से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोएं और संक्रमित व्यक्ति से दूर रहकर संक्रमण से बचा जा सकता है।