निपाह वायरस की मृत्यु दर कोरोना से ज्यादा, कोझिकोड में स्कूल-कॉलेज 24 सितंबर तक बंद
केरल में निपाह वायरस का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। राज्य में अब तक निपाह के 6 संक्रमित मरीज मिल चुके हैं, जिनमें से 4 कोझिकोड जिले से हैं। कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को 24 सितंबर तक बंद कर दिया गया है। इनमें स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर शामिल हैं। शुक्रवार (15 सितंबर) को जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर कहा कि इस दौरान शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लासेस के जरिए पढ़ाई होगी।
राज्य में 6 मामले, 2 की मौत
कोझिकोड में 39 साल के शख्स को भी वायरस से संक्रमित पाया गया है। इसके बाद राज्य में एक्टिव केस बढ़कर 4 हो गए हैं। अब तक निपाह के 6 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के मुताबिक, वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की संख्या 1,080 हो गई है। इनमें से 327 लोग स्वास्थ्य कर्मचारी हैं।
कोरोना से भी ज्यादा है निपाह की मृत्यु दर- ICMR
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्यक्ष डॉक्टर राजीव बहल ने कहा कि निपाह वायरस से होने वाली मौतों की दर कोरोना वायरस से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा, "निपाह वायरस की मृत्यु दर 40 से 70 प्रतिशत के बीच है, जबकि कोविड की 2 से 3 प्रतिशत थी। निपाह के प्रकोप को रोकने की कोशिश जारी है। सभी संक्रमित मरीज पहले संक्रमित मरीज के संपर्क में आये थे।"
ऑस्ट्रेलिया से मंगाई जाएगी एंटीबॉडी
निपाह वायरस के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मंगवाई जाएगी। बहल ने कहा, "हमारे पास केवल 10 मरीजों के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी डोज मौजूद हैं। ये 2018 में मिली थीं। ऑस्ट्रेलिया से इसकी 20 खुराक और मंगाई हैं, ताकि संक्रमण की शुरुआत में ही मरीजों को दिया जा सके।" बता दें कि मोनोक्लोनल एंटीबॉडी हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी की तरह काम करती हैं, लेकिन इसे लैबोरेटरी में बनाया जाता है।
निपाह संक्रमण के लक्षण और बचाव के तरीके
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में शुरू में बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सिरदर्द और उल्टी जैसे लक्षण विकसित होते हैं। इसके अलावा संक्रमण के गंभीर मामलों में एन्सेफलाइटिस के दौरे भी पड़ सकते हैं, जिससे मरीज कोमा में जा सकता है। WHO ने संक्रमण से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाए रखने और संभावित लक्षणों की शिकायत पर स्वास्थ्यकर्मियों से संपर्क करने का सुझाव दिया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत में पहली बार निपाह वायरस के मामले 2018 में केरल के कोझिकोड और मलप्पुरम जिलों में सामने आए थे। तब 21 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद 2019 और 2021 में भी यहां निपाह वायरस की चपेट में आकर 2 लोगों की मौत हो गई थी। निपाह वायरस को एक जूनोटिक संक्रमण के रूप में जाना जाता है। इसका मतलब है कि वायरस सुअर, कुत्ते, बकरी, बिल्ली, घोड़े और भेड़ों के जरिए इंसानों तक फैल सकता है।