
न्यूजक्लिक मामले में ED ने अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को भेजा समन
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने न्यूजक्लिक मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
ED ने बताया कि उसने अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम को पिछले महीने समन जारी किया था। यह समन विदेश मंत्रालय (MEA) के जरिए उसके ईमेल पर भेजा गया है।
एक अधिकारी ने कहा कि व्यवसायी को समन भेजने के इसी तरह के प्रयास को पिछले साल चीन ने रोक दिया था।
बता दें कि न्यूजक्लिक के खिलाफ ED ने हाल ही में उसके दफ्तरों पर छापेमारी की थी।
समन
PMLA के तहत भेजा गया समन
लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने कहा कि सिंघम को ताजा समन धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों के तहत भेजा गया है।
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी द्वारा सिंघम का बयान दर्ज करने के लिए एक स्थानीय अदालत से लेटर्स रोगेटरी (LR) जारी किए जाने के बाद यह नया समन जारी किया गया।
लेटर्स रोगेटरी एक अदालती प्रार्थना पत्र है जिसके तहत चीनी अदालतों से एक औपचारिक अनुरोध किया गया।
सिंघम
कौन हैं अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम?
न्यूजक्लिक पर अमेरिका के करोड़पति व्यवसायी नेविल रॉय सिंघम से फंडिंग लेकर देश में चीन का प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप है।
सिंघम का जन्म 13 मई, 1954 को अमेरिका में हुआ था। उन्होंने हावर्ड विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और फिर 1993 में IT परामर्श कंपनी 'थॉटवर्क्स' की स्थापना की।
सिंघम ने 2017 में थॉटवर्क्स कंपनी बेच दी थी। इसके बाद वो बीते सालों में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के प्रबल समर्थक के तौर पर उभरे हैं।
मामला
कैसे न्यूजक्लिक के मामले में सुर्खियों में सिंघम?
बता दें कि 5 अगस्त, 2023 को न्यूयॉर्क टाइम्स के एक आर्टिकल में सिंघम का नाम फिर से सुर्खियों में आया था।
इसमें कहा गया कि सिंघम ने चीनी प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देने के लिए दुनिया की कई संस्थाओं को पैसा दिया है और इसमें भारत की न्यूजक्लिक भी शामिल है।
इसके बाद दिल्ली पुलिस ने पिछले महीने न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती को पिछले हफ्ते गिरफ्तार किया था।
आरोप
सिंघम पर न्यूजक्लिक को कितने करोड़ों की फंडिंग देने के आरोप?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सिंघम का वित्तीय नेटवर्क शिकागो से लेकर शंघाई तक फैला हुआ है।
अमेरिका के कई चैरिटी और गैर-लाभकारी समूह इससे जुड़े हैं, जो चीन के प्रोपेगैंडा को बढ़ावा देते हैं।
इन प्रोपेगैंडा समूहों को अमेरिका की उन गैर-लाभकारी संस्थाओं के जरिये फंड किया जाता है, जिन्हें दान के तौर पर लगभग 2287.67 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं।
इन्हीं संस्थाओं के जरिए पिछले 3 साल में न्यूजक्लिक को लगभग 38 करोड़ रुपये की फंडिंग दी गई।
कार्रावाई
न्यूजक्लिक के खिलाफ अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई?
दिल्ली पुलिस पिछले महीने न्यूजक्लिक के खिलाफ UAPA के तहत मुकदमा दर्ज कर कई जगहों पर छापेमारी की थी।
इस दौरान न्यूजक्लिक के दफ्तर को सील करते हुए संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ समेत कई पत्रकारों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया।
दोनों को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया गया जहां उनकी पुलिस रिमांड बढ़ा दी गई।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA) के उल्लंघन जांच शुरू की थी।