CBI ने विमान खरीद मामले में भ्रष्टाचार के लिए रोल्स रॉयस के खिलाफ दर्ज किया केस
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 24 हॉक एडवांस जेट ट्रेनर विमान की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर सोमवार को मामला दर्ज किया। जानकारी के मुताबिक, CBI ने ब्रिटिश वाहन कंपनी रोल्स रॉयस और उसकी भारतीय इकाई के निदेशक टिम जोन्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। हथियार डीलर सुधीर चौधरी और भानू चौधरी और ब्रिटिश एयरोस्पेस सिस्टम्स को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।
क्या है भ्रष्टाचार का पूरा मामला?
CBI ने कहा कि यह मामला रक्षा मंत्रालय में तैनात अज्ञात अधिकारियों और अन्य लोगों द्वारा हॉक विमान की खरीद में कथित तौर पर किए गए भ्रष्टाचार से जुड़ा है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कहा कि मामले में आरोपियों ने यूनाइटेड किंगडम (UK) के रोल्स रॉयस समूह और रोल्स रॉयस टर्बोमेका लिमिटेड समेत समूह की अन्य सहयोगी कंपनियों से विमानों की खरीद के दौरान भारत सरकार को धोखा दिया था।
CBI ने क्या आरोप लगाए हैं?
CBI के मुताबिक, अधिकारियों ने अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए 73.4 करोड़ पाउंड्स स्टरलिंग (करीब 7,485 करोड़ रुपये) में कुल 24 हॉक 115 एडवांस जेट ट्रेनर विमान खरीदने की स्वीकृति दी थी। CBI ने कहा कि अधिकारियों ने बड़े स्तर पर रिश्वत और कमीशन लेते हुए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा 42 अतिरिक्त विमानों के लाइसेंस निर्माण की अनुमति देते हुए आपूर्ति की गई सामग्रियों के लिए 30.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि भी स्वीकृत की थी।
कब हुआ था विमानों की खरीद का समझौता?
भारत सरकार की कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) ने सितंबर, 2003 में UK से 66 हॉक 115 विमानों की खरीद के लिए मंजूरी दी थी। दोनों देशों ने 19 मार्च, 2004 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद 26 मार्च, 2004 को 24 हॉक विमानों की सीधे तौर पर आपूर्ति और HAL को 42 लाइसेंस निर्मित विमानों के लिए सामग्री और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर भारत और UK के रक्षा मंत्रालय के बीच हस्ताक्षर हुए थे।
न्यूजबाइट्स प्लस
हॉक एडवांस जेट ट्रेनर विमान में उत्कृष्ट स्थिरता और सभी तीन अक्षों के नियंत्रण के लिए प्रतिक्रिया के साथ अन्य कई विशेषताएं हैं। विमान में एक एकीकृत नेविगेशन और आक्रमण प्रणाली है और इसे रात में भी एक या दो पायलटों द्वारा आसानी से उड़ाया जा सकता है। बता दें कि वर्तमान में भारतीय वायुसेना 123 हॉक एडवांस विमान का संचालन करती है, जबकि भारतीय नौसेना 17 विमानों का संचालन करती है। अधिकांश विमान HAL द्वारा निर्मित किए गए हैं।