लद्दाख: भारत ने LAC पर नई सड़क बनाई, रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण इलाका होगा सुरक्षित
चीन की विस्तारवादी नीति और उसके आक्रामक रुख को देखते हुए भारत अपनी सीमा सुरक्षा को और मजबूत करने जा रहा है। भारत लद्दाख के दूरस्थ इलाके में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण एक सड़क बनाने के करीब है। इससे LAC के आसपास के इलाकों में कनेक्टिविटी बढ़ेगी। ये नई सड़क दौलत बेग ओल्डी (DBO) तक के लिए कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जो रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण इलाका है।
नवंबर के आखिर तक तैयार हो जाएगी सड़क
सेना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने हिंदुस्तान टाइम्स को DBO तक के लिए बन रही सड़क के नवंबर के आखिर तक में पूरा होने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) की मदद से किए जा रहे निर्माण में करीब 2,000 लोग लगे हैं, लेकिन बर्फीले ग्लेशियर के कारण निर्माण में थोड़ी दिक्कतें आ रही हैं। इसकी लंबाई 130 किलोमीटर है। ये सड़क नुब्रा घाटी में ससोमा से काराकोरम दर्रे के पास DBO तक जाएगी।
भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ने के बाद आई निर्माण में तेजी
2020 में भारत और चीन के बीच सैन्य तनाव बढ़ने के बाद ससोमा-सासेर ला-सासेर ब्रांग्सा-गपशान-DBO सड़क के काम में तेजी लाई गई। एक दूसरे अधिकारी ने कहा, "अंतिम चरण में निर्माण बाधाओं को दूर करने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग हो रहा है।" ये सड़क कठोरता सूचकांक-III के अंतर्गत आती है। सासोमा और सासेर ला के बीच 52 किलोमीटर की दूरी में से 46 किलोमीटर का काम पूरा हो गया है और बस 6 किलोमीटर निर्माण बचा है।
हर मौसम में कनेक्टिविटी के लिए बनाई जाएगी गुफा
हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए BRO लद्दाख के सासेर ला के नीचे 7 किमी लंबी सुरंग भी बनाएगा। इस पर काम 2025 में शुरू होने की संभावना है और सुरंग 2028 तक पूरी हो सकती है। बता दें कि सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे के मामले में चीन को भारत पर बढ़त हासिल है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार ने सीमा संबंधी बुनियादी ढांचे पर जोर दिया है।
पिछले कुछ वर्षों में क्या रणनीतिक निर्माण हुए?
BRO ने पिछले तीन वर्षों के दौरान लगभग 300 महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की हैं, जिनकी लागत 8,000 करोड़ रुपये है। BRO तेजी से लद्दाख क्षेत्र में प्रमुख परियोजनाओं का काम पूरा करने में जुटा है। इस दौरान भारत और चीन के बीच LAC पर समस्याओं को हल करने के लिए बातचीत भी हुई हैं, लेकिन चीन की हरकतों के कारण तनाव अक्सर बढ़ा है। इनमें निमू-पदम-दारचा सड़क, चुशुल-डुंगती-फुकचे-डेमचोक सड़क और लिकारू-मिग ला-फुकचे सड़क जैसी परियोजनाएं शामिल हैं।
सड़क से भारतीय सेना को क्या लाभ मिलेगा?
काराकोरम दर्रे के नजदीक स्थित DBO भारत का सबसे उत्तरी सैन्य अड्डा है। यहां तक जाने के लिए एक सड़क पहले से ही मौजूद है, लेकिन ये LAC से दिखती है और चीन के सीधे हमले का शिकार हो सकती है। इसी कारण अब DBO तक जाने के लिए ये दूसरी सड़क बनाई गई है, जो चीन की तरफ से नहीं दिखेगी। इससे पुरानी सड़क पर हमले की स्थिति में भी DBO तक भारत की पहुंच रहेगी।
न्यूजबाइट्स प्लस
पूर्वी लद्दाख में लगभग 18,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित काराकोरम दर्रा भारत के लिए रणनीतिक तौर पर बेहद अहम है। काराकोरम में भारत के लद्दाख और चीन के जिनजियांग प्रांत की सीमाएं लगती हैं। जिनजियांग से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) जाने वाला चीन का हाईवे इसके पास से गुजरता है और सियाचिन की चोटियां भी इसके पास ही स्थित हैं। इलाके में ये एकमात्र ऐसी जगह है, जिस पर भारत का अधिकार है।