वुहान की महिला वेंडर हो सकती है कोरोना की पहली मरीज, अध्ययन में नया दावा
कोरोना वायरस की शुरुआत को लेकर नई जानकारी सामने आई है। साइंस जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि वुहान की सीफूड मार्केट की एक महिला वेंडर सबसे पहले कोरोना संक्रमित पाई गई थी। इससे पहले एक अकाउंटेंट को कोरोना का पहला मरीज माना जा रहा था, जिससे वुहान लैब से इस वायरस के लीक होने के कयासों को हवा मिली थी। हालांकि, चीन लैब से वायरस लीक होने के दावों का खंडन करता आया है।
अकाउंटेंट से पहले बीमार पड़ी थी महिला- अध्ययन
एरिजोना यूनिवर्सिटी के इकोलॉजी और इवोल्यूशनरी बायोलॉजी के प्रमुख वायरोलॉजिस्ट माइकल वॉरोबे ने अपने ताजा अध्ययन में कहा है कि कोरोना की पहली मरीज वुहान मार्केट की एक महिला वेंडर हो सकती है। यह महिला 11 दिसंबर, 2019 को बीमार पड़ गई थी, जबकि अकाउंटेंट में कई दिनों बाद संक्रमण के लक्षण देखने को मिले थे। इस अध्ययन से कोरोना वायरस के पशुओं से इंसानों में आने की धारणाओं को बल मिलता है।
वुहान मार्केट में हुआ था कोरोना का सामुदायिक प्रसार
वॉरोबे का तर्क है कि वुहान की सीफूड मार्केट में इस बीमारी का सामुदायिक प्रसार शुरू हो गया था। उन्होंने कहा है कि इस नतीजे पर पहुंचने के लिए उन्होंने अस्पतालों के रिकॉर्ड देखे और मरीजों से बात की थी। वॉरोबे ने यह भी कहा है कि हो सकता है कि महामारी की शुरुआत की जांच करने चीन आई आई विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम से शुरुआती कालक्रम में कोई गलती हुई हो।
कोरोना की शुरुआत अभी भी रहस्य
कोरोना की शुरुआत अभी भी दुनिया के लिए एक रहस्य बनी हुई है। अमेरिका समेत कई देशों का मानना है कि इस महामारी की शुरुआत वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब से लीक हुए वायरस के कारण हुई थी। दूसरी तरफ चीन इस धारणा का खंडन करते हुआ आया है और उसका कहना है कि लैब से कोई वायरस लीक नहीं हुआ था। कुछ लोग इस वायरस को पशुओं से इंसानों में आया हुआ मान रहे हैं।
शायद कोविड-19 की उत्पत्ति का कभी पता न चले- अमेरिकी एजेंसियां
पिछले महीने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने कहा था कि शायद वो कभी भी कोरोना वायरस की शुरुआत का पता नहीं लगा पाएंगी। हालांकि, उन्होंने माना था कि इस वायरस को जैविक हथियार के तौर पर तैयार नहीं किया गया है। अमेरिका के ऑफिस ऑफ डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलीजेंस (ODNI) ने कहा है कि वायरस के पशुओं से इंसानों में आने और लैब से लीक होने की संभावना है, लेकिन किसी भी नतीजे पर पहुंचने के लिए पर्याप्त जानकारी नहीं है।
उत्पत्ति का रहस्य सुलझाने के लिए WHO ने बनाई नई टीम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बीते महीने एक नए सलाहकार समूह का गठन किया है, जो चीन जाकर कोरोना महामारी फैलाने वाले SARS-CoV-2 की उत्पत्ति की जांच करेगा। यह दूसरी बार है, जब WHO ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए टीम बनाई है। अब तक अंतरराष्ट्रीय टीमें दो बार चीन का दौरा कर चुकी हैं, लेकिन कोरोना का स्त्रोत और इसकी शुरुआत का रहस्य सुलझ नहीं पाया है।
दुनियाभर में महामारी की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 25.67 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 51.41 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 4.76 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 7.70 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में 3.45 करोड़ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 4.65 लाख लोगों को इस वायरस के कारण जान गंवानी पड़ी है।