MUDA घोटाला मामला: सिद्धारमैया की बढ़ी मुश्किलें, अब ED ने भी दर्ज किया मामला
मैसूरु अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MUDA) से जुड़े कथित भूमि घोटाला मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। गत दिनों मैसूर लोकायुक्त की ओर से इस मामले में FIR दर्ज करने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी कार्रवाई करते हुए उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। बता दें कि पिछले सप्ताह कोर्ट के आदेश पर सिद्धारमैया के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
ED मामला दर्ज करने के बाद सिद्धारमैया से कर सकती है पूछताछ
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय एजेंसी ने अपनी प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) में सिद्धारमैया के खिलाफ मामला दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धाराएं लगाई हैं। इसके बाद सिद्धारमैया को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है। बता दें कि संविधान में मिली शक्तियों के अनुसार, ED को पूछताछ के लिए आरोपियों को बुलाने और जांच के दौरान उनकी संपत्ति जब्त करने का पूरा अधिकार है और उसे किसी अनुमति की जरूरत नहीं है।
मैसूर लोकायुक्त ने दर्ज की थी FIR
इस मामले में 25 सितंबर को कर्नाटक की एक विशेष अदालत ने सिद्धारमैया के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने राज्य के लोकायुक्त को भी मामले की जांच करने का निर्देश देते हुए 3 महीने में रिपोर्ट पेश करने को कहा था। उसके बाद लोकायुक्त ने 27 सितंबर को सिद्धारमैया, उनकी पत्नी और साले मल्लिकार्जुन स्वामी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम और भूमि कब्जा निवारण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की थी।
सिद्धारमैया को हाई कोर्ट से लगा था झटका
इस मामले में RTI कार्यकर्ता टीजे अब्राहम ने राज्यपाल को पत्र लिखकर सिद्धारमैया, उनकी पत्नी, बेटे और MUDA के कमिश्नर के खिलाफ मुकदमा चलाने की भी मांग की थी। इस पर 17 अगस्त को राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सिद्धारमैया ने इसे कर्नाटक हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, 24 सितंबर को हाई कोर्ट ने सिद्धारमैया की याचिका खारिज कर कहा था कि राज्यपाल का आदेश विवेकहीनता से ग्रस्त नहीं है।
भाजपा पर लगाया था सरकार गिराने की साजिश का आरोप
सिद्धारमैया ने याचिका खारिज होने के बाद कहा था, "MUDA मामला महज दिखावा है। भाजपा कर्नाटक में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रच रही है क्योंकि वह पिछले विधानसभा चुनाव में हार से हताश है। मैं जांच करने में संकोच नहीं करूंगा और विशेषज्ञों से परामर्श करूंगा।" उन्होंने 26 सितंबर को कहा था, "मैंने कोई गलती नहीं की है। इसलिए मुझे इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है। कई भाजपा नेता जमानत पर हैं, क्या उन्हें शर्मिंदगी नहीं होती?"
क्या है MUDA?
MUDA कर्नाटक की राज्य स्तरीय विकास एजेंसी है। इसका काम मैसूर में शहरी विकास को बढ़ावा देना, गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचा विकसित करना और किफायती कीमत पर आवास उपलब्ध कराना है। MUDA ने शहरी विकास के दौरान जमीन खोने वालों के लिए 50:50 योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत किसी भूमि पर आवासीय लेआउट विकसित करने के लिए MUDA जमीन अधिग्रहित कर सकेगी, जिसके बदले में मालिक को 50 प्रतिशत जमीन विकसित जगह पर दी जाएगी।
क्या है MUDA घोटाले से जुड़ा मामला?
दरअसल, सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती के पास मैसूर के केसारे गांव में 3 एकड़ और 16 गुंटा जमीन थी, जो उनके भाई मल्लिकार्जुन ने उपहार में दी थी। इस जमीन को MUDA ने विकास के लिए अधिग्रहित किया था, जिसके बदले पार्वती को विजयनगर तीसरे और चौथे चरण के लेआउट में 38,283 वर्ग फीट की जमीन दी गई। इस पूरे मामले में आरोप है कि केसारे गांव की तुलना में इस जमीन की कीमत काफी ज्यादा है।