राहुल गांधी को एक और मामले में मानहानि का नोटिस, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार भी फंसे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी मानहानि के एक और मामले में फंस सकते हैं। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अखबार में विज्ञापन देकर भाजपा पर 40 प्रतिशत कमीशन लेने का आरोप लगाया था। इसी के खिलाफ एक भाजपा नेता ने मानहानि का मामला दायर किया था। अब कर्नाटक की अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने राहुल, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मानहानि के इस मामले में नोटिस भेजा है।
क्या है मामला?
कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान 5 मई, 2023 को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति (KPCC) ने अखबारों में एक विज्ञापन छपवाया था। इसमें दावा किया गया था कि उस समय की भाजपा सरकार कथित तौर पर 40 प्रतिशत भ्रष्टाचार में शामिल थी और पिछले 4 साल में राज्य के खजाने से 1.5 लाख करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। इस विज्ञापन के खिलाफ भाजपा की राज्य इकाई के सचिव एस केशवप्रसाद ने 9 मई को मानहानि का केस दायर किया था।
याचिकाकर्ता ने अपनी शिकायत में क्या कहा?
केशवप्रसाद ने अपनी शिकायत में कहा है कि ये दावा पूरी तरह से बेबुनियाद, पक्षपातपूर्ण और अपमानजनक है और इस विज्ञापन में किए गए दावे झूठे हैं, जिसके वजह से भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने इसकी शिकायत पूर्व और मौजूदा सांसदों और विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष कोर्ट में की थी। आज कोर्ट ने सुनवाई कर समन जारी किया है।
27 जुलाई को अगली सुनवाई
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 499 (मानहानि) और धारा 500 (मानहानि के लिए सजा) के तहत पक्षों को समन भेजा है। मामले पर अगली सुनवाई अब 27 जुलाई को होगी। इसी दिन बयान होंगे और शपथ पत्र दाखिल किए जाएंगे। बता दें कि राहुल पर इस वक्त मानहानि के कम से कम 4 मामले चल रहे हैं। इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी से जुड़े मामले हैं।
मानहानि मामले में ही गई थी राहुल की सांसदी
मानहानि के एक मामले में सजा होने के बाद ही राहुल की संसद सदस्यता गई थी। 2019 में कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने पूछा था कि सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके खिलाफ गुजरात में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मामले में कोर्ट ने राहुल को दोषी पाते हुए 2 साल की सजा और 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद राहुल की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी।