दिल्ली हाई कोर्ट का अरविंद केजरीवाल और आतिशी के खिलाफ मानहानि मामला रद्द करने से इंकार
दिल्ली हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (AAP) के अन्य सदस्यों के खिलाफ मानहानि का मामला रद्द करने से इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की पीठ ने कहा कि केजरीवाल, आतिशी, मनोज कुमार और सुशील कुमार गुप्ता द्वारा मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाए जाने की टिप्पणी प्रथम दृष्टया अपमानजनक है। कोर्ट ने कहा कि यह टिप्पणी भाजपा को बदनाम करने के इरादे से की गई थी कि इसके लिए भाजपा जिम्मेदार है।
कोर्ट ने कहा- टिप्पणी से राजनीतिक फायदे का लालच
कोर्ट ने AAP के नेताओं के इस तर्क को खारिज कर दिया कि उनकी अपील सच्ची थी और लोगों के भलाई के लिए की गई थी। कोर्ट ने कहा कि इसे मुकदमे के दौरान साबित करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि मतदाता सूची के बारे में टिप्पणी राजनीतिक फायदे के लिए की गई थी। कोर्ट ने सभी AAP नेताओं को निचली कोर्ट द्वारा समन जारी करने के आदेश को बरकरार रखा है।
क्या है मामला?
2018 में केजरीवाल और आतिशी समेत AAP नेताओं ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची से 30 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाने में भाजपा शामिल थी क्योंकि मतदाता विशेष समुदायों से थे। इस पर दिल्ली भाजपा के नेता राजीव बब्बर ने मानहानि शिकायत दायर कर पार्टी को दोषी ठहराकर उसकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए कार्रवाई की मांग की। याचिका में कहाकि AAP नेताओं का दावा है कि भाजपा के आदेश पर चुनाव आयोग ने मतदाता सूची बदली।
निचली कोर्ट के आदेश को AAP नेताओं ने दी थी चुनौती
बब्बर की याचिका पर दिल्ली की निचली कोर्ट ने सभी AAP नेताओं को तलब किया था, जिसे AAP नेताओं ने दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। अब मामले में हाई कोर्ट ने भी निचली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।