जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024: क्या है प्रमुख मुद्दे और कितनी पार्टियां आजमा रही अपनी किस्मत?
जम्मू-कश्मीर को 10 साल बाद चुनी हुई सरकार मिलने जा रही है। यहां की 90 सीटों के लिए 3 चरणों में मतदान होगा। 8 अक्टूबर को पता चलेगा कि किसकी सरकार बनेगी। अनुच्छेद 370 हटने और परिसीमन के बाद सीटों की संख्या बढ़ने के बाद ये पहला चुनाव है। ऐसे में परिस्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। यही वजह है कि इस बार मुद्दे और पार्टियों की प्राथमिकताएं अलग हैं। आइए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से जुड़ी सभी बातें जानते हैं।
कब-कब डाले जाएंगे वोट?
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर, दूसरे का 25 सितंबर और तीसरे का एक अक्टूबर को होगा। पहले चरण में 24 सीटों पर मतदान होगा, जिन पर 219 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। पहले चरण में पंपोर सीट पर सबसे ज्यादा 14, जबकि श्रीगुफवारा-बिजबेहरा सीट पर सबसे कम 3 उम्मीदवार किस्मत आजमाएंगे। इस दौरान 23.27 लाख मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र हैं। इनमें 11.76 लाख पुरुष और 11.51 लाख महिलाएं हैं।
राज्य में कितनी विधानसभा सीटें हैं?
पहले जम्मू-कश्मीर में 87 सीटें थीं, जो परिसीमन के बाद बढ़कर 90 हो गई हैं। इन 90 में से 7 सीटें अनुसूचित जाति (SC) और 9 अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं और 43 जम्मू और 47 कश्मीर में हैं। पहले जम्मू में 37 और कश्मीर में 46 सीटें थीं। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं, जिन पर चुनाव नहीं होते हैं। सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 46 है।
कौन-कौनसी पार्टियां मैदान में हैं?
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस 32 और नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर चुनाव लड़ी रही है। एक-एक सीट पर इनकी सहयोगी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी चुनाव लड़ेगी। भाजपा और महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) अलग-अलग मैदान में है। इसके अलावा प्रमुख पार्टियों में सज्जाद लोन की जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (PC), गुलाम नबी आजाद की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) और अल्ताफ बुखारी की जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी शामिल हैं।
क्या हैं मुद्दे?
सबसे बड़े मुद्दे अनुच्छेद 370 को दोबारा लागू करने और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने का है। नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP दोनों ने अपने घोषणापत्र में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की बहाली का वादा किया है। इसके अलावा पूर्ण राज्य की बहाली का मुद्दा भी सबसे मुखर है। यहां तक कि भाजपा ने भी कहा कि वे कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देगी। इसके अलावा आतंकवाद, सीमा पार से व्यापार और सुरक्षा भी मुद्दा है।
कौनसी पार्टी कितने उम्मीदवार घोषित कर चुकी?
भाजपा अब तक 45 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर चुकी है। भाजपा की पहली सूची पर खूब हंगामा मचा था, जिसके बाद उसे वापस ले लिया गया था। PDP 28 उम्मीदवारों के नाम जारी कर चुकी है। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती चुनाव नहीं लड़ेंगी। कांग्रेस ने 9 और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 50 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। DPAP ने 13 उम्मीदवारों को टिकट दिया था, जिसमें से 4 ने नाम वापस ले लिया है।
पिछले चुनावों के परिणाम क्या थे?
2014 में 87 सीटों पर चुनाव हुए थे। तब PDP ने 28, भाजपा ने 25, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 15, कांग्रेस ने 12, पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने 2, CPIM और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 1-1 और निर्दलीयों ने 3 सीट जीती थीं। उस समय राज्य में बहुमत का आंकड़ा 44 था। हाल ही में 6 सीटों पर हुए लोकसभा चुनावों में 2 पर भाजपा, 2 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और एक पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी।
10 सालों से क्यों नहीं हुए चुनाव?
जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव 2014 में हुए थे। हालांकि, तब किसी को बहुमत नहीं मिला। इसके बाद 2015 में भाजपा-PDP ने गठबंधन सरकार बनाई और महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनीं। जून, 2018 में भाजपा ने गठबंधन तोड़ दिया और राज्य में राज्यपाल शासन लग गया। 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 हटाया गया। इसकी संवैधानिक वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट गया। दिसंबर, 2023 में कोर्ट ने अनुच्छेद 370 पर फैसला सुनाते हुए सितंबर, 2024 तक चुनाव कराने के निर्देश दिए।