त्रिपुरा: BSF द्वारा तस्करों से बचाई गईं 250 से अधिक गायें गोशाला से चोरी
त्रिपुरा के सिपाहीजाला जिला स्थित एक गोशाला से पिछले छह महीने में 250 से अधिक गाय चोरी होने का मामला सामने आया है। दिलचस्प बात ये है कि सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने इन गायों को तस्करों से बचाकर गोशाला के हवाले किया था। इनकी बांग्लादेश तस्करी की जा रही थी। लेकिन तस्करी से बची ये गायें अब चोरी हो गई है। गोशाला को संभालने वाले संगठन ने मामले में FIR दर्ज कराई है।
दिल्ली का ध्यान फाउंडेशन चलाता है गोशाला को
जिस गोशाला से गायें चोरी हुई हैं वो त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 22 किलोमीटर दूर देबीपुर गांव में स्थित है और दिल्ली का ध्यान फाउंडेशन इसे संभालता है। ध्यान फाउंडेशन ने मधुपुर पुलिस स्टेशन में अपनी 250 से अधिक गाय चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई है। फाउंडेशन की स्वयंसेवक आर लता देवी ने बताया, "हमारी रिपोर्ट के अनुसार, हमारी गोशाला से 250 से अधिक गाय चोरी हुई हैं। हम पांच-छह बार पुलिस में शिकायत दर्ज करा चुका हैं।"
24 अक्टूबर को बंदूक लेकर गाय चोरी करने आए कुछ लोग
देवी ने बताया कि 24 अक्टूबर को कुछ लोग बंदूकों के साथ गोशाला आए और 12 गाय चोरी करने की कोशिश की। लेकिन हमारे पहुंचने के बाद वह बिना गाय लिए वहां से भाग गए। मधुपुर पुलिस ने गाय चोरी होने की शिकायत किए जाने की पुष्टि की है। थाने के इनचार्ज बिष्णुपद भौमिक के बताया कि चोरी हुई गायों को छुड़ाने के प्रयास जारी हैं और कुछ गायों को ढूढ़कर गोशाला के हवाले भी कर दिया गया है।
तस्करों से बचाई गई गायों के लिए फरवरी में शुरू की गई थी गोशाला
ध्यान फाउंडेशन के अनुसार, BSF द्वारा तस्करी से बचाई गई गायों के लिए उसने फरवरी में ये गोशाला शुरू की थी। राज्य सरकार ने इसके लिए उसे चार एकड़ जमीन दी थी। दवाईयां और अन्य मदद भी सरकार की ओर से दी जाती है। गोशाला में अभी 596 गाय हैं। देवी के अनुसार, गोशाला में 14 कर्मचारी और एक सुपरवाइजर है जो दिन में काम करते हैं। रात में केवल दो मजदूर और सुपरवाइजर गोशाला में रहते हैं।
इसलिए रात में काम नहीं करते कर्मचारी
देवी ने बताया कि गाय चोरी होने की शिकायत दर्ज कराने के बाद पूछताछ के लिए पुलिस के लगातार आने के कारण कर्मचारियों ने रात में काम करने से मना कर दिया था। उन्होंने बताया कि गोशाला में चार CCTV कैमरे भी लगे हुए हैं।
मई-जुलाई में गोशाला में मरीं 159 गाय
फाउंडेशन के अनुसार, इससे पहले मई से जुलाई के बीच गोशाला में 159 गायों की मौत भी हो गई थी। इनमें से 45 गाय जुलाई के दूसरे हफ्ते में हाइपोथर्मिया यानि शरीर के तापमान के कम होने की वजह से मरी थीं। गोशाला में गायों के लिए शेड्स की कमी है और इस वजह से उन्हें बाहर रहना पड़ा था। इस दौरान भारी बारिश हुई और उन्हें ठंड लग गई है, जिससे बीमार होकर वो मौत का शिकार हो गईं।