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सर्वे में खुलासा, भारतीय लोग दूसरे देशों को मदद देने के सबसे बड़े समर्थक

सर्वे में खुलासा, भारतीय लोग दूसरे देशों को मदद देने के सबसे बड़े समर्थक

Jan 21, 2019
11:52 am

क्या है खबर?

पूरी दुनिया में इस समय राष्ट्रवाद का बोलबाला है और एक 'वैश्विक सरकार' को लेकर देखा गया सपना टूट रहा है। इसी का एक रूप संयुक्त राष्ट्र (UN) युद्ध रोकने, शांति कायम करने और विभिन्न देशों को एक साथ लाने में नाकाम साबित हुआ है। अमेरिका से लेकर यूरोप और भारत में 'सबसे पहले हम' की सोच रखने वाली पार्टियां अपना परचम लहरा रही है। इस सबके बीच भारतीय दूसरे देशों को मदद भेजने के सबसे बड़े समर्थन हैं।

विश्व आर्थिक मंच सर्वे

95 प्रतिशत भारतीय विचार के समर्थक

विश्व आर्थिक मंच (WEF) के वैश्विक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है। WEF ने अपने सर्वे में लोगों से यह सवाल पूछा था कि वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दूसरे देशों के मदद दिए जाने के अपने देश के फैसले को कैसे देखते हैं? 10,000 से ज्यादा लोगों पर यह सर्वे किया गया था। इसके मुताबिक 95 प्रतिशत भारतीय दूसरे देशों को मदद दिए जाने के समर्थन में हैं। यह आंकड़ा किसी भी अन्य देश के मुकाबले सबसे अधिक है।

अन्य देश

पाकिस्तान भी ज्यादा पीछे नहीं

सर्वे में सामने आया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मदद के मामले में दक्षिण एशियाई देश अन्य देशों के बीच उदार विचार रखते हैं। खुद आतंकवाद से जूझ रहे पाकिस्तान के भी 94 प्रतिशत लोग दूसरे देशों को मदद दिए जाने के फैसले का स्वागत करते हैं। इंडोनेशिया में भी यह आंकड़ा 94 प्रतिशत है। बांग्लादेश के 87 प्रतिशत, नाइजीरिया के 84 प्रतिशत, सऊदी अरब के 83 प्रतिशत और चीन के 80 प्रतिशत लोग इस विचार के समर्थन में हैं।

पश्चिमी देश

शक्तिशाली देशों के लोग मदद देने के कम इच्छुक

सर्वे के अनुसार, दुनिया में प्रभुत्व रखने वाले पश्चिमी देशों के लोग दूसरे देशों को मदद दिए जाने के कम समर्थक हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस और अर्जेंटीना समेत इन देशों में यह आंकड़ा 60 प्रतिशत है। इसके आधार पर हम राय बना सकते हैं कि अमीर देशों के लोग नहीं चाहते है कि उनके संसाधन किसी अन्य देश और अंतरराष्ट्रीय पहल में खर्च हों। यही सोच राष्ट्रवाद की जनक है जो इस समय पूरी दुनिया में उभार पर है।