NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    चीन समाचार
    पाकिस्तान समाचार
    अफगानिस्तान
    रूस समाचार
    श्रीलंका
    निक्की हेली
    यूक्रेन युद्ध
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत और भारत के लिए इसका महत्व
    दुनिया

    अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत और भारत के लिए इसका महत्व

    अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत और भारत के लिए इसका महत्व
    लेखन प्रदीप मौर्य
    Feb 21, 2019, 02:54 pm 1 मिनट में पढ़ें
    अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस: जानें कब और कैसे हुई इसकी शुरुआत और भारत के लिए इसका महत्व

    आज पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जा रहा है। इसे मनाने की शुरुआत आज से 18 साल पहले हुई थी। विश्वपटल पर अंतरराष्ट्रीय दिवस को लाने का श्रेय भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश को जाता है। भारत एक विविधता से भरा हुआ देश है। यहाँ लगभग हर राज्य की अपनी भाषा है। ऐसे में आइए जानें अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत कब और कैसे हुई थी और भारत के लिए इसका क्या महत्व है।

    19वें अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की थीम है विकास, शांति और संधि में मातृभाषा का योगदान

    विश्व में भाषाई और सांस्कृतिक विविधता एवं बहुभाषित को बढ़ावा देने और विश्व की तमाम मातृभाषाओं के प्रति पूरी दुनिया को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस साल 19वाँ मातृभाषा दिवस मनाया जा है। इस बार के अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की थीम, "विकास, शांति और संधि में मातृभाषाओं के मायने" है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

    पाकिस्तान ने उर्दू को दिया राष्ट्र्रभाषा का दर्जा

    अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की शुरुआत के बारे में जानने के लिए आपको इतिहास पर नज़र डालना होगा। 1948 में जब पाकिस्तान, भारत से अलग हो चुका था, तब वहाँ की सरकार ने उर्दू को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया। उस समय बांग्लादेश, पूर्वी पाकिस्तान हुआ करता था। बांग्लादेश में बांग्ला भाषा बोली जाती थी, इसलिए मातृभाषा की रक्षा के लिए 21 फरवरी, 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान सरकार की नीति का कड़ा विरोध किया।

    नरसंहार में कई विद्यार्थी हुए शहीद

    विरोध प्रदर्शन बहुत ज़्यादा होने लगा था, जिसे रोक पाना मुश्किल हो गया था। आख़िरकार पाकिस्तान पुलिस ने बेरहमी से प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ बरसाना शुरू कर दिया। उस नरसंहार में न जाने कितने विद्यार्थियों ने मातृभाषा के लिए बलिदान दे दिया। इसके बाद भी वहाँ प्रदर्शन नहीं रुका। आख़िरकार चार साल बाद हारकर पाकिस्तान सरकार को 29 फरवरी, 1956 को बांग्ला भाषा को आधिकारिक भाषा का दर्जा देना ही पड़ा।

    पहली बार 21 फरवरी, 2000 में मनाया गया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

    मातृभाषा की लड़ाई सफल हुई और शहीद हुए युवाओं की स्मृति में 1999 में 21 फरवरी को यूनेस्को ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पहली बार 21 फरवरी, 2000 को मनाया गया।

    भारत में काफ़ी समय से चल रहा है भाषायी द्वंद

    आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता को बढ़ावा देना है। बहुभाषी राष्ट्र होने की वजह से मातृभाषाओं के प्रति भारत का उत्तरदायित्व बहुत ज़्यादा मायने रखता है। भारत में भाषाओं को लेकर काफ़ी समय से विवाद चलता रहा है और अभी भी चल रहा है। ख़ासतौर से राजभाषा हिंदी और देश की अन्य भाषाओं को लेकर द्वंद ज़्यादा देखने को मिलता है।

    भारत की 22 भाषाओं को दिया गया है आधिकारिक भाषा का दर्जा

    2011 की जनगणना के अनुसार भारत में 19,500 से ज़्यादा भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती हैं, जिनमें से 22 भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। यहाँ 234 मातृभाषाएँ 10,000 से ज़्यादा लोगों के समूहों द्वारा बोली जाती है।

    भारत के माहौल के हिसाब से प्रासंगिक है अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

    गैर हिंदीभाषियों का हमेशा से यह आरोप रहा है कि हिंदी को उनके ऊपर थोपा जा रहा है, वहीं हिंदीभाषी, देश की अन्य भाषाओं को सीखने के प्रति लालायित नहीं होते हैं और न ही अन्य भाषाओं के प्रति कोई संवेदनशीलता रखते हैं। ऐसे में भाषाओं का यह द्वंद कम होने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है। इतनी विविधता होने के बाद भी भारत पूरी दुनिया में 'अनेकता में एकता' के प्रतीक के तौर पर जाना जाता है।

    ख़तरे में है 3,000 भाषाओं का अस्तित्व

    यूनेस्को की इस पहल ने यह संदेश देने का प्रयास किया है कि मातृभाषा ही व्यक्ति के संस्कारों की संवाहक है। जानकारी के अनुसार विश्व की लगभग 3,000 भाषाओं का अस्तित्व ख़तरे में है, जिन्हें बचाने में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

    व्यक्ति के संपूर्ण विकास में अहम भूमिका निभाती है मातृभाषा

    किसी भी व्यक्ति के संपूर्ण विकास में मातृभाषा का योगदान बहुत ज़्यादा होता है। इस बारे में पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अब्दुल कलाम ने अपने अनुभवों के आधार पर कहा था, "मैं अच्छा वैज्ञानिक इसलिए बना, क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा मातृभाषा में प्राप्त की थी।" अब्दुल कलाम द्वारा मातृभाषा के लिए कहा गया एक-एक शब्द भारत के भाषायी द्वंद को समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकता है। हालाँकि ऐसा कब होगा, यह देखने वाली बात है।

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    भारत की खबरें
    पाकिस्तान समाचार
    बांग्लादेश

    भारत की खबरें

    क्या हम ICC 2019 विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मैच देख पाएंगे? पाकिस्तान समाचार
    आतंकवाद के खिलाफ समर्थन का वादा, लेकिन पाकिस्तान पर मौन रहे सऊदी राजकुमार मोहम्मद बिन सलमान पाकिस्तान समाचार
    शहीद मेजर को विदाई देते वक्त पत्नी ने कहा, आपने मुझसे ज्यादा प्यार देश को किया पाकिस्तान समाचार
    दिल्ली, मुंबई नहीं बल्कि भारत के इन पाँच राज्यों में पी जाती है सबसे ज़्यादा शराब स्वास्थ्य

    पाकिस्तान समाचार

    जयपुर जेल में बंद पाकिस्तानी कैदी की हत्या जयपुर
    इमरान खान की पूर्व पत्नी ने कहा- सेना की कठपुतली हैं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान
    डोनाल्ड ट्रंप ने पुलवामा हमले को बताया 'भयानक वाकया', भारत को मिला अमेरिका का साथ इमरान खान
    कुलभूषण जाधव मामला: पाकिस्तान ने सबूत के तौर पर पेश किया अजीत डोभाल का बयान भारत की खबरें

    बांग्लादेश

    बांग्लादेश: केमिकल रखी बिल्डिंग में भीषण आग; 69 की मौत, कई घायल आग त्रासदी
    सर्वे में खुलासा, भारतीय लोग दूसरे देशों को मदद देने के सबसे बड़े समर्थक चीन समाचार
    बांग्लादेश चुनावः शेख हसीना की एकतरफा जीत, विपक्ष ने खारिज किए चुनाव परिणाम चुनाव
    कोरोना वैक्सीन: चीन भी करना चाहता था बांग्लादेश के साथ सौदा, भारत से कैसे पिछड़ा? चीन समाचार

    दुनिया की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    World Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू IPL 2023
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023