कोरोना वायरस: भारत में नया ट्रेंड बन सकता है रोजाना 1,000 से अधिक लोगों की मौत
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस के मामलों के साथ रोजाना होने वाली मौतों की संख्या भी बढ़ती जा रही है और पिछले दस में से छह दिन 1,000 से अधिक मौतें हुई हैं। निकट भविष्य में भी इस आंकड़े में कोई गिरावट आने का संकेत नहीं है और विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना 1,000 से अधिक मौतें एक नया ट्रेंड बन सकती हैं।
आइए जानते हैं कि इस ट्रेंड के पीछे क्या कारण हैं और राज्यों में क्या स्थिति है।
कारण
इसलिए बढ़ सकती सकती है रोजाना होने वाली मौतों की संख्या
अगर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने और मौत होने के बीच 10 दिन का भी अंतर लगा कर चलें तो इसका मतलब होता है कि अभी देश में जिन लोगों की मौत हो रही है, उन्हें कम से कम 10 दिन पहले संक्रमित पाया गया था।
10 दिन पहले देश में रोजाना 60,000-70,000 मामले सामने आ रहे थे, वहीं अब ये आंकड़ा लगभग 84,000 पहुंच गया है। इसका मतलब आने वाले दिनों में दैनिक मौतों की संख्या भी बढ़ेगी।
राज्यों की स्थिति
महाराष्ट्र में हो रहीं सबसे अधिक मौतें
राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र में रोजाना सबसे अधिक मौतें हो रही हैं और यहां पिछले कई दिन से रोजाना औसतन 300 से अधिक लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ रही है।
राज्य की मृत्यु दर भी तीन प्रतिशत से अधिक है और यह सबसे अधिक मृत्यु दर वाले राज्यों में शामिल है। देश की कुल मौतों में से 38 प्रतिशत मौतें अकेले महाराष्ट्र में हुई हैं।
अन्य राज्य
तमिलनाडु और कर्नाटक में भी रोजाना हो रहीं 100 से अधिक मौतें
महाराष्ट्र के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश भी बड़ी संख्या में मौतें हो रही हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु दो ऐसे राज्य हैं जहां लगातार रोजाना 100 से अधिक मौतें हो रही हैं।
कर्नाटक में मध्य जुलाई तक मौतों की संख्या तुलनात्मक रूप से कम थी, लेकिन इसके बाद से इसमें तेजी से इजाफा हुआ है और अगस्त में केवल छह दिन ऐसे रहे जब राज्य में 100 से कम मौतें हुईं।
पंजाब
पंजाब में बढ़ रही मौतों की संख्या
पंजाब एक ऐसा राज्य है जहां कम मामले होने के बावजूद हालिया दिनों में मौतों की संख्या बढ़ी है और बुधवार को राज्य में पहली बार 100 से अधिक मौतें हुईं। इससे पहले राज्य में रोजाना 40 से 60 के बीच मौतें हो रही थीं।
राज्य सरकार का कहना है कि मौतों में इजाफे का एक बड़ा कारण देरी से बीमारी की पहचान होना है। सरकार के अनुसार, लोग स्थिति गंभीर होने तक डॉक्टरों के पास नहीं पहुंच रहे हैं।
जानकारी
67 प्रतिशत मौतें लोगों के देरी से अस्पताल पहुंचने के कारण
पंजाब सरकार के अनुसार, राज्य में हुई 67 प्रतिशत मौतें लोगों के देरी से अस्पताल पहुंचने के कारण हुई हैं। मरने वालों में पहले से बीमार लोगों की हिस्सेदारी भी काफी अधिक रही है और मरने वाले 50 प्रतिशत मरीज डायबिटीज से जूझ रहे थे।
अच्छा प्रदर्शन
इन राज्यों में मौतों की संख्या कम
10 सबसे अधिक मामलों वाले राज्यों में असम, बिहार और तेलंगाना तीन ऐसे राज्य हैं जहां मौतों की संख्या बेहद कम है। असम में तो 1.15 लाख संक्रमितों पर महज 323 मौतें हुई हैं और उसकी मृत्यु दर 0.28 प्रतिशत है जो देश में सबसे कम है। वहीं बिहार में 722 और तेलंगाना में 856 मौतें हुई हैं।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, केरल, गुजरात और ओडिशा अन्य ऐसे राज्य हैं जहां मौतों की संख्या 20 से 40 के बीच है।