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आंकड़ों के जरिए समझें कैसे भारत के ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ रहा है कोरोना वायरस

आंकड़ों के जरिए समझें कैसे भारत के ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ रहा है कोरोना वायरस

Aug 30, 2020
06:11 pm

क्या है खबर?

महामारी के शुरूआत दौर में मुख्य तौर पर शहरी इलाकों तक सीमित रहने वाला कोरोना वायरस अब भारत के ग्रामीण इलाकों में फैलने लगा है और अगस्त में सामने आए सभी कोरोना वायरस मामलों में से आधे से अधिक ग्रामीण इलाकों से आए। आइए आंकड़ों के जरिए समझते हैं कि ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस के संक्रमण का क्या हाल है और कैसे संक्रमण ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ रहा है।

स्थिति

देश के सबसे गरीब 112 जिलों में से 98 में फैला कोरोना वायरस

भारत में जब मार्च के अंत में लॉकडाउन लगाया गया था तब केवल लगभग 100 जिलों में कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे और इनमें से अधिकांश में केवल एक मामला सामने आया था। वहीं अब देश के 734 जिलों में से 700 से अधिक में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं। 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के अनुसार, देश के सबसे गरीब 112 जिलों में से 98 में कोरोना वायरस के मामले सामने आ चुके हैं।

आंकड़े

ग्रामीण इलाकों से सामने आए 55 प्रतिशत मामले

'हिंदुस्तान टाइम्स' के विश्लेषण के अनुसार, अगस्त में देशभर में कोरोना वायरस से संक्रमण के लगभग 14 लाख मामले सामने आए जिनमें से 55 प्रतिशत पूरी तरह से ग्रामीण और अधिकांश ग्रामीण जिलों में सामने आए। वहीं अप्रैल में केवल 23 प्रतिशत मामले इन दो तरह के जिलों से सामने आए थे। बता दें कि 60-80 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाले जिलों को अधिकांश ग्रामीण और 80 प्रतिशत से ऊपर ग्रामीण आबादी वाले जिलों को पूर्ण ग्रामीण माना जाता है।

शहरी इलाके

शहरी इलाकों की मामलों में हिस्सेदारी घटी

विश्लेषण के अनुसार, अप्रैल में जहां 44 प्रतिशत मामले दिल्ली समेत 16 शहरी इलाकों में आए थे, वहीं अगस्त में इन जिलों की हिस्सेदारी मात्र 13 प्रतिशत रही। संक्रमण किस तरीके से ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ा है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जहां जून में 40 प्रतिशत मामले तीन मेट्रो शहरों- दिल्ली, मुंबई और चेन्नई- में सामने आए थे, वहीं अगस्त में इनकी हिस्सेदारी मात्र छह प्रतिशत रही।

डाटा

60 प्रतिशत से अधिक शहरी आबादी वाले जिलों में मात्र 36 प्रतिशत मामले

वहीं 'न्यूज 18' के विश्लेषण के अनुसार, जहां अप्रैल में कोरोना वायरस के 64 प्रतिशत मामले ऐसे जिलों में सामने आए थे जहां की 60 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों में रहती है, वहीं अगस्त में ये आंकड़ा घटकर मात्र 36 प्रतिशत रह गया।

अनुपात

आबादी के अनुपात में शहरी इलाकों में हिस्सेदारी अभी भी अधिक

हालांकि अभी भी कोरोना वायरस के मामलों में शहरी इलाकों की हिस्सेदारी कुल आबादी में उसकी हिस्सेदारी के अनुपात में ज्यादा है। अगस्त में जिन 16 जिलों में 13 प्रतिशत मामले सामने आए, उनकी भारत की जनसंख्या में कुल हिस्सेदारी मात्र 5.6 प्रतिशत है। वहीं जिन ग्रामीण इलाकों में 55 प्रतिशत नए मामले सामने आए, उनकी भारत की कुल जनसंख्या में हिस्सेदारी लगभग 75 प्रतिशत है। अगले कुछ समय तक ये ट्रेंड जारी रह सकता है।

चिंता का कारण

ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी

कोरोना वायरस के ग्रामीण इलाकों की तरफ बढ़ने से विशेषज्ञ चिंतित हैं और इसका एक प्रमुख कारण इन इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है। जहां भारत की लगभग 65 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों में रहती है, वहीं 65 प्रतिशत सरकारी अस्पताल शहरी इलाकों में हैं। स्वास्थ्य सेवाओं की इसी कमी के कारण विशेषज्ञों को डर है कि अगर ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस फैला तो गंभीर स्थिति पैदा हो सकती है।