अग्निपथ योजना: कुछ फैसले अनुचित लगते हैं, लेकिन राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे- प्रधानमंत्री मोदी
देश में बीते सप्ताह से अग्निपथ योजना को लेकर हंगामा मचा हुआ है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम बयान सामने आया है। बेंगलुरू के एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि कुछ फैसले शुरुआत में अनुचित लग सकते हैं, लेकिन बाद में ये राष्ट्र निर्माण में मदद करते हैं। उन्होंने बिना किसी फैसले या योजना का नाम लिए कहा कि वर्तमान में कई फैसले अनुचित लगते हैं, लेकिन समय के साथ वे राष्ट्र निर्माण में मदद करेंगे।
हमने रक्षा क्षेत्र को युवाओं के लिए खोला- मोदी
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, "हमने युवाओं के लिए अंतरिक्ष और रक्षा सेक्टर को खोल दिया है। हमें सुधारों का रास्ता ही नए लक्ष्यों की तरफ ले जा सकता है। हमने युवाओं के लिए रक्षा और अंतरिक्ष का सेक्टर खोला है, जिनमें दशकों तक सरकार का एकाधिकार था। सरकार ड्रोन से लेकर अन्य तकनीकों में युवाओं को काम करने का मौका दे रही है।" उनका यह बयान अग्निपथ योजना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच आया है।
सेना ने जारी की अधिसूचना
प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब सेना ने अग्निपथ योजना के तहत भर्ती को लेकर अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि भर्ती प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी और नौकरी करने के इच्छुक युवाओं को वेबसाइट पर पंजीकरण कराना जरूरी होगा। इससे पहले रविवार को भारतीय वायुसेना ने अधिसूचना जारी की थी। इसमें 'अग्निवीरों' के लिए आवश्यक योग्यता, वेतन और भत्ते, सालाना छुट्टी, प्रशिक्षण सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई थीं।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। इस योजना के खिलाफ देशभर में युवा सड़कों पर हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
देशभर में हो रहा योजना का विरोध
अग्निपथ योजना के तहत कम समय की सेवा और रिटायर होने के बाद पेंशन और अन्य लाभ न मिलने को लेकर युवा खासे नाराज हैं। इसे लेकर योजना की लॉन्चिंग के बाद से ही देश के कई राज्यों में बड़े स्तर पर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। बिहार और तेलंगाना आदि राज्यों में उपद्रवी तत्वों ने सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। वहीं सरकार युवाओं को मनाने का प्रयास कर रही है।