अरुणाचल प्रदेश: सेना ने मछली पकड़कर लौट रहे 2 लोगों को गलती से गोली मारी

अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में सेना के जवानों द्वारा गलती से दो आम नागरिकों को गोली मारने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। गलती का अहसास होने पर सेना ने दोनों नागरिकों को घायल अवस्था में डिब्रूगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (AMCH) में भर्ती कराया, जहां दोनों की हालत स्थिर बनी हुई है। इधर, ग्रामीणों ने घटना पर विरोध जताते हुए सरकार से घायलों को मुआवजा और अन्य सहायता मुहैया कराने की मांग की है।
घायलों के साथ अस्पताल पहुंचे एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि घायलों में चासा गांव निवासी नोकफ्या वांगदान (28) और रामवांग वांगसू (23) शामिल है। दोनों दोपहर में पास की एक नदी से मछली पकड़कर वापस घर लौट रहे थे। उसी दौरान चासा गांव के पास तैनात सेना के जवानों ने गलत पहचान के कारण उन्हें गोली मार दी। इसके बाद जब जवान दोनों लोगों के पास पहुंचे तो उन्हें गलती का अहसास हुआ और दोनों को अस्पताल पहुंचाया।
हालांकि, इस घटना को लेकर अभी तक सेना की ओर से अधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सेना के सूत्रों ने बताया कि पहचान में गलती होने के कारण यह हादसा हुआ है। इधर, AMCH के अधीक्षक डॉ प्रशांत दिहिंगिया ने बताया कि एक युवक को हाथ में तो दूसरे को पैर के अंगूठे में गोली लगी है। फिलहाल दोनों की हालत खतरे से बाहर है। उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है।
घायलों के साथ अस्पताल पहुंचे ग्रामीणों ने घटना पर विरोध जताते हुए कहा कि सेना के जवानों की गलती के कारण यह हादसा हुआ है। दोनों युवक अनाथ हैं और अब गोली लगने से जख्मी हो गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार को दोनों घायल युवकों को मुआवजा देने के साथ अन्य आवश्यक सहायता मुहैया करानी चाहिए। इससे दोनों युवकों को पूरी तरह ठीक होने तक अपने उपचार और खाने-पीने का प्रबंध करने में मदद मिलेगी।
इधर, तिरप जिले में भाजपा के अध्यक्ष कामरंग टेसिया ने भी घटना पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा, "स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय बिना उचित खुफिया जानकारी के सुरक्षा बलों की मूर्खतापूर्ण कार्रवाई उनकी विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रही है।" बता दें कि केंद्र ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के तीन जिलों में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्र का दायरा बढ़ाया है और असम, नागालैंड और मणिपुर में सीमित किया है।