बेंगलुरू में कोरोना के 1.5 लाख सक्रिय मामले, विशेषज्ञों ने बताई लॉकडाउन की जरूरत
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरू में हालात चिंताजनक बने हुए हैं। लगभग 1.5 लाख सक्रिय मामलों के साथ बेंगलुरू देश का सबसे ज्यादा सक्रिय मामलों वाला जिला है। मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को अस्थायी देखभाल केंद्र बनाने चाहिए ताकि अस्पतालों पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
नए मामलों मे होगी बढोतरी- बाबू
बेंगलुरू में शुक्रवार को कोरोना के 16,662 नए मामले सामने आए। इसी के साथ शहर में सक्रिय मामलों की कुल संख्या बढ़कर 1,49,624 हो गई है। यह दूसरे स्थान पर मौजूद पुणे (1.16 लाख) से काफी आगे है। राजधानी दिल्ली में अभी लगभग एक लाख और मुंबई में लगभग 82,000 सक्रिय मामले हैं। महामारी विशेषज्ञ डॉ गिरधर आर बाबू का कहना है कि 1 मई तक बेंगलुरू में नए मामलों की संख्या 25,000 से पार पहुंच सकती है।
देखभाल केंद्र बनाने की मांग
गिरधर बाबू का कहना है कि मामले बढ़ने के बाद अगर 5 प्रतिशत मरीजों को भी क्रिटिकल केयर की जरूरत पड़ी तो स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की कगार पर पहुंच जाएगी। इसे देखते हुए विशेषज्ञों ने सरकार से मैरिज हॉल जैसी जगहों पर ऑक्सीजन की सुविधा समेत देखभाल केंद्र बनाने की मांग की है ताकि हालत स्थिर होने तक मरीजों को यहां रखा जा सके और उन्हें अस्पतालों के बाहर इंतजार न करना पड़े।
"90-92 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में"
TOI के अनुसार, बेंगलुरू नगर निगम के विशेष आयुक्त राजेंद्र चोलन पी ने बताया कि देखभाल केंद्रों में बिस्तरों की कमी नहीं है और न ही वहां पर मांग है। उन्होंने कहा कि शहर में कुल कोरोना संक्रमितों में 90-92 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं और उनकी मॉनिटरिंग करना चुनौतीभरा काम है। अब निगम पिछले साल की तरह जरूरतमंद मरीजों को मेडिकल किट वितरित करने की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों ने बताई लॉकडाउन लागू करने की जरूरत
गिरधर बाबू ने कहा कि मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए संक्रमण की रफ्तार रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के साथ-साथ अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने पर भी काम होना चाहिए। राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंस के वाइस-चांसलर और कोरोना की क्लिनिकल एक्सपर्ट कमेटी के प्रमुख डॉ एस सच्चिदानंद भी मानते हैं कि शहर में क्रिटिकल केयर सुविधाओं और ऑक्सीजन वाले बिस्तर बढ़ाने की जरूरत है।
सरकार क्या कर रही है?
कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने बताया कि अगले 15 दिनों में बेंगलुरू में 2,000 अस्थायी ICU बिस्तरों का इंतजाम हो जाएगा। इनमें से 800 पर वेंटिेलेटर की सुविधा होगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार ने राज्य में वेंटिलेटर वाले बिस्तरों की संख्या 10 गुना बढ़ाने का फैसला किया है और इसके लिए काम शुरू हो गया है। इसके साथ ही निजी अस्पतालों को भी अस्थायी अस्पताल बनाने को कहा गया है।
कर्नाटक और देश में संक्रमण की क्या स्थिति?
कर्नाटक में शुक्रवार को 26,962 मामले सामने आए और 190 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ यहां कोरोना के कुल 12,74,959 मामले हो गए हैं। इनमें से 14,075 मौतें हुई हैं। वहीं पूरे देश की बात करें तो बीते दिन कोरोना के रिकॉर्ड 3,46,786 नए मामले सामने आए और 2,624 मरीजों की मौत हुई। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,66,10,481 हो गई है। इनमें से 1,89,544 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।